जगत के पालनहार जब खुद बने केवट के कृपा पात्र

“राम भरत मिलाप”

संकल्प नशा मुक्त देवभूमि ट्रस्ट की ओर से प्राचीन शिव मंदिर, माजरी माफी नवादा में आयोजित रामलीला के पांचवे दिन नाट्य मंचन के दौरान प्रभु राम वनवास को प्रस्थान करते हैं और राजा दशरथ प्राण त्याग देते हैं। इसके बाद राम भरत मिलाप का नाट्य मंचन दिखाया गया।

माजरी माफी मे पांचवे दिन के रामलीला नाट्य मंचन में प्रभु श्रीराम,लक्ष्मण और माता सीता वनवास को प्रस्थान करते हैं। उनके जाते ही राजा दशरथ पुत्र वियोग में प्राण त्याग देते हैं। वनवास जाते समय प्रभु राम सरयू नदी को पार करने के लिए केवट की नाव में विराजमान होते है। ऐसे में केवट भावविभोर होकर कहता है, प्रभु मैं नदी के पार सबको ले जाता हूं, किंतु आप तो जीवन की नाव पार लगाते हैं। आपके चरण मेरी नाव पर पड़े आपने मेरा जीवन धन्य कर दिया प्रभु। जिस पर प्रभु राम केवट को अपनी स्वर्ण मुद्रिका देते है। तत्पश्चात चित्रकूट में प्रभु श्रीराम और भरत का मिलाप होता है। भरत प्रभु श्री राम से रूदन विलाप करते हुए विनति करते हैं। आप अयोध्या का राजपाठ संभाले, अयोध्यावासी आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं, किंतु प्रभु श्रीराम इसे माता पिता की आज्ञा का पालन बताकर, भरत को वापस अयोध्या राजपाठ संभालने की आज्ञा देते हैं। भरत प्रभु श्रीराम की खड़ाऊ सिर पर रखकर अयोध्या लौट आते हैं और बिना राज गद्दी पर बैठे ही राजकाज संभालते हैं और रामलीला नाट्य मंचन संपन्न होता है।

संकल्प नशा मुक्त देवभूमि ट्रस्ट के निदेशक आशुतोष सिंह असवाल ने बताया कि रामलीला मे सभी महिला किरदारों का अभिनय पुरुष किरदारों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नशे से सुधरते युवाओं द्वारा रामलीला का नाट्य मंचन समाज को धर्म के प्रति जागरूक करना है, बताया कि माजरी में 38 सालों बाद भव्य रामलीला का नाट्य मंचन हमारी संस्था के सुधरते युवा कर रहे है, जो गर्व की बात है।

रामलीला के अवसर पर सुरेश चौहान, गोबिंद सिंह, रितिक कोडवाल, सार्थक कुमार, कपिल भार्गव, नंद किशोर, शुभम कुमार, आदित्य भारद्वाज, नितिन जोशी, अंकित देवराडी, सागर वर्मा, अभिनव ईमैनुअल, शुभम राठौर, आजाद प्रजापति, राज चौहान, शशि शेखर पांडे, गौरव खंककरियाल, अमित सिंह, रोहित क्षेत्री, आयुष पयाल, लक्की चौहान,अनुपम डबराल आदि मौजूद रहे।