22 लाख से अधिक नागरिकों का हेल्थ रिकॉर्ड सरकार के पास

सूबे में 22.44लाख लोगों के बनें डिजिटल हेल्थ आईडी
स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की पहल लाई रंग
कहा, प्रत्येक व्यक्ति की बनेगी डिजिटल हेल्थ आईडी

Dehradun: उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की पहल रंग लाई है। जिसका नतीजा है कि उत्तराखंड में 22.44 लाख से अधिक लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बन गई है, जोकि डिजिटल हेल्थ सेक्टर में उत्तराखंड की बड़ी कामयाबी है। डॉ0 रावत की पहल पर माह अप्रैल 2022 में जिला एवं ब्लॉक स्तर पर वृहद स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया जिनके माध्यम से डॉ0 रावत ने प्रदेश के लोगों को डिजिटल हेल्थ आईडी बनने के लिये प्रेरित किया गया, इसके अलावा उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विभाग की विभिन्न बैठकों में लोगों के डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के निर्देश भी दिये। जिसका नतीजा रहा कि अल्पावधि समय में राज्य के लाखों लोगों के डिजिटल हेल्थ आईडी बन पाये।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा प्रदेशभर में 22 लाख 44 हजार 889 लोगों के डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई, जोकि डिजिटल हेल्थ के क्षेत्र में उत्तराखंड की बड़ी कामयाबी है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार मजबूत किया किया जा रहा है और केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य के तहत प्रदेशभर के लोगों के डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जा रही है ताकि लोगों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा सके। उन्होंने कहा कि डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड होने से किसी भी अस्पताल में मरीजों को त्वरित उपचार मिल सकेगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि विगत अप्रैल माह में राज्यभर में जिला व ब्लॉक स्तर पर वृहद स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया जिनमें लोगों को डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के लिये प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मेलों में लोगों ने डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने में बढ़ चढ़ कर भाग लिया जिसका नतीजा रहा कि उत्तराखंड में लगभग 23 लाख लोग डिजिटल आईडी बना चुके हैं। इसके अलावा 913 चिकित्सा सेवाओं से जुड़े डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सों ने भी अपनी डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई है। साथ ही चिकित्सा सेवा मुहैया कराने वाले 130 अस्पतालों भी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में पंजीकृत हैं।

जानिए क्या होंगे फायदे-
कार्ड धारक की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां एक जगह सुरक्षित स्टोर होंगी
– हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन के जरिए अपने चिकित्सक को लेकर उसका अध्ययन और विषेशज्ञता के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सकेगी

– हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्रेशन से हर कोई मरीज अस्पताल में स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कार्मिक की विशिष्टता, विषेशज्ञता व अनुभव के बारे में जानकारी ले सकेगा।

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