कल करेंगे सचिवालय कूच, सीबीआई जांच की मांग
आखिर कौन है हाकम का हाकिम? सरकार ने क्यों नहीं रही नजर
आयोग की भूमिका पर उठाए सवाल, जल्दबाजी में कराई परीक्षा
आखिर आधे घंटे में ही कैसे बाहर आ गया प्रश्न पत्र?
प्रदेश में बड़े आंदोलन की तैयारी में बेरोजगार संगठन
DEHRADUN: उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाएं एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ी हुई है। आज स्नातक स्तरीय परीक्षा संपन्न होने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने परीक्षा प्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं और आरोप लगाया है कि 11:00 बजे शुरू हुई परीक्षा का प्रश्न पत्र से मिलते-जुलते कुछ सवाल 11:35 पर बाहर आ चुके थे। उधर युवा नेता बॉबी पवार ने भी अपनी फेसबुक वॉल पर इस परीक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने आज सुबह एक प्रेस वार्ता के दौरान हाकम सिंह और उसके साथी की गिरफ्तारी को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें मीडिया के आगे रखी। उन्होंने कहा कि हाकम सिंह पर वह काफी समय से नजर रखे हुए थे और उसे पकड़ने के उद्देश्य से ही उसके एक साथी पंकज गौर से संपर्क साधा गया जिसमें एक ऑडियो के माध्यम से पंकज गॉड ने उनके द्वारा तैयार किए गए युवक से 15 लाख रुपए में परीक्षा में पास करने का आश्वासन दिया। प्रेस वार्ता में यह ऑडियो भी सुनाई गई।
उधर राम कंडवाल ने कहा कि वह काफी समय से इस परीक्षा को मौसम एवं आपदा के मध्य नजर निरस्त करने की मांग करते आ रहे थे लेकिन आयोग और सरकार ने इस और ध्यान ही नहीं दिया तथा बेहद जल्दबाजी में यह परीक्षा करा दी। उन्होंने कहा कि उन्हीं के प्रयासों से हाकम सिंह और पंकज गौड़ की गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई है जिसमें एसटीएफ में काफी मेहनत की लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य को अपनी प्रेस रिलीज में उजागर नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हाकम सिंह की हरकतें रुक नहीं रही है। हाकम सिंह 2022 से ही उत्तराखंड के भरती घोटालो का सरगना बना हुआ है तथा उसकी गिरफ्तारी के बावजूद भी वह कैसे बाहर आ गया यह एक बड़ा सवाल है? उन्होंने कहा कि हाकम सिंह ने अब परीक्षा में फर्जीवाड़े और नकल करने के तरीके भी बदल दिए हैं जिसमें कहा जा रहा है कि ओएमआर शीट को भरना नहीं।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि कुछ ऐसे सवाल हैं जिनकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए जिम सबसे महत्वपूर्ण आयोग की भूमिका को लेकर है। उन्होंने कहा कि आयोग में वह कौन लोग हैं जो हाकम सिंह के संपर्क में है, क्योंकि ओएमआर भरने से छोड़ देना या साफ दर्शाता है कि यह काम बाद में आयोग से मिलीभगत के द्वारा ही किया जा सकता है।
उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 में भर्ती घोटाला सामने आने के बाद कहा था कि कैलेंडर वर्ष समाप्त होने के बाद इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाएगी लेकिन तब से अब तक आयोग के तीन कैलेंडर जारी हो चुके हैं लेकिन सीबीआई जांच को लेकर सरकार की तरफ से पूरी तरह से निराशावादी रवैया अपनाया जा रहा है।
उन्होंने आज की स्नातक स्तरीय परीक्षा पर भी सवाल उठाए और कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए।
अपने आगामी कार्यक्रम के बारे में उन्होंने बताया कि कल उत्तराखंड बेरोजगार संघ परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर सचिवालय कुछ करेगा जहां भरती प्रकरण को लेकर सीबीआई जांच को लेकर मांग की जाएगी।