जिला प्रशासन से दशहरा पर्व कहीं और स्थानांतरित करने की भी मांग
DEHRADUN: स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रकरण में जांच टीम गठित करने के बाद आज पहली बार देहरादून के जिलाधिकारी सवीन बंसल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह उत्तराखंड बेरोजगार संघ के आंदोलन स्थल पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने यहां छात्रों को समझने का प्रयास किया लेकिन छात्र परीक्षा निरस्त एवं सीबीआई जांच करने से कमतर किसी बात के लिए भी राजी नहीं हुए।
धरना स्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी व एसएसपी ने छात्रों को उनके कीमती समय का हवाला देते हुए कहा कि एक माह में गठित टीम की रिपोर्ट आ जाएगी और इस रिपोर्ट से यदि वह संतुष्ट नहीं होते हैं तो इसके बाद में अपना आंदोलन जारी रख सकते हैं। दोनों अधिकारियों की इस बात का छात्रों ने विरोध किया और कहा कि वह सीबीआई जांच चाहते हैं और तब तक परीक्षाओं को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग पर अधिक है।।
उधर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल एवं उत्तराखंड स्वाभिमान मंच के बॉबी पवार ने दोनों अधिकारियों के सम्मुख कुछ महत्वपूर्ण बातें रखी जिनमें नकल माफिया के उत्तराखंड में सक्रिय होने की बातें भी सम्मिलित है। इसके तहत लखनऊ की एक पुरानी FIR का कभी जिक्र किया गया इसके दस्तावेज जे जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
लगभग 1 घंटे तक दोनों अधिकारी धरना स्थल पर रहे और आंदोलनकारी नेताओं व छात्राओं से खुलकर बातें की। इस दौरान आंदोलन में भाग ले रहे कई छात्रों ने भी अपने विचार रखें और हरिद्वार से भरकर लाई गई बसों का जिक्र भी उठा।
फिलहाल दोनों अधिकारियों का यह प्रयास असफल साबित हुआ है और छात्रों ने अपनी दोनों मांगों को पूरा करने से पहले धरना बंद करने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।
वहीं जिला प्रशासन से धरना स्थल पर ही यह भी मांग की गई कि वह आने वाला दशहरा पर्व को परेड मैदान के अतिरिक्त कहीं और स्थानांतरित करने की तैयारी करें ताकि जनता को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही कहा कि यदि उक्त दोनों मांगों पर शासन सहमति देते हुई घोषणा कर देता है तो तत्काल आंदोलन को समाप्त कर दिया जाएगा।