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डीएम ने अचानक बुलाई जिला चिकित्सालय की प्रगति की समीक्षा बैठक; आनन-फानन में दौड़े अधिकारी
जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए एसएनसीयू के अपग्रेड कार्यों में विलम्ब; धन का दिया हवाला; डीएम का चढा पारा; लगाई फटकार; 2 माह से संज्ञान में न लाने पर जताई कड़ी नाराजगी
चिकित्सालय सुविधा विस्तार हेतु जिला योजना से 91 लाख धनराशि की स्वीकृति मौके पर ही
बल्ड बैंक का 75 प्रतिशत् कार्य पूर्ण शेष कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण करने के निर्देश;
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में जिला चिकित्सालय कोरोनेशन के निर्माण कार्यों एवं एवं विभिन्न व्यवस्थाओं, सुविधाओं की अचानक समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में जिला चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं, उपकरणों की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकीय सेवाओं की गुणवत्ता तथा अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या की समीक्षा की गई।
जिला प्रशासन के प्रयासों से विगत वर्ष जिला चिकित्सालय में प्रारम्भ किए गए एसएनसीयू से अब तक 500 बच्चे स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं। विगत बैठक में जिलाधिकारी ने एसएनसीयू को 06 बैड से बढाकर 12 बैड करने के निर्देश दिए गए थे, जिसके विस्तारीकरण की समीक्षा करने बताया गया कि अभी विस्तारीकरण नही हो पाया, जिसका कारण जानने पर 2 माह से फंड न होना बताया गया। फंड न होने की जानकारी 2 माह से संज्ञान में न लाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय को फटकार लगाई।
एसएनसीयू विस्तारीकरण एवं अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक सेवाओं हेतु डीएम ने मौके पर ही 91 लाख की धनराशि जारी करते हुए एक माह के भीतर एसएनसीयू विस्तारीकरण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जिला प्रशासन के प्रयासों जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन ब्लड बैंक की कार्यप्रगति जानने पर अवगत कराया गया कि ब्लड बैंक का 75 प्रतिशत् कार्य पूर्ण हो गया है जिस पर जिलाधिकारी ने माह फरवरी 2026 तक शेष कार्य पूर्ण करने तथा ब्लड बैंक संचालन हेतु मशीन, उपकरण चिकिक्त्सक स्टॉफ, मैनपावर की व्यवस्था समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में कार्यों के लिए 91 लाख की धनराशि जिला योजना से मौके पर ही स्वीकृत की।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक मरीज को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए। उन्होंने चिकित्सालय प्रबंधन को निर्देश दिए कि अस्पताल में स्वच्छता व्यवस्था, दवा वितरण प्रणाली तथा उपकरणों की कार्यशील स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए हेल्प डेस्क को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।