कान का दुर्लभ ऑपरेशन सफलता से संपन्न

जन्म से ही कान के पीछे के पीछे के छिद्र से पानी, तार जैसा लसलसा द्रव एवं संक्रमण

ALMODA: जिला अस्पताल अल्मोड़ा में पूजा 30 वर्षीय, महिला, अल्मोड़ा निवासी जन्म से ही कान के पीछे के पीछे के छिद्र से पानी, तार जैसा लसलसा द्रव एवं संक्रमण हो जाने पर मवाद आने की समस्या से कई वर्षों से परेशान थी एवं बचपन से लेकर अभी तक मवाद के इलाज़ हेतु कई बार चिकित्सकों से चीरा भी लगवा चुकी थी. साथ ही साथ इसके इलाज हेतु वह दिल्ली तक की दौड़ लगा चुकी थी. इस समस्या के साथ साथ उसे कान के पर्दे में भी छेद होने की समस्या थी; एवं कान के पर्दे के छेद से भी तार जैसा पदार्थ भी आता था.
अन्तःता पूजा जिला चिकित्सालय के कान, नाक एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकुर गुप्ता के पास पहुँची जहाँ समस्त जांचों के उपरांत मरीज़ पूजा में कॉलऑरल साइनस विसंगति जो की एक दुर्लभतम जन्मजात विक्षति है, का होने का पता चला; जिसको की, शल्य चिकित्सा द्वारा जिला अस्पताल अल्मोड़ा के कान, नाक एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकुर गुप्ता द्वारा सफलतापूर्वक निकाला गया; साथ ही साथ उसके कान के पर्दे के छेद का भी इलाज नया पर्दा लगाकर किया गया.
इस इस ऑपरेशन में उनका नर्स, प्रियंका, नर्स नेहा, नर्स रितु, नर्स रेखा ओ.टी. टेक्निशन गणेश ओ.टी बॉय धर्मेन्द्र एवं सफ़ाई कर्मचारी राजेश ने सहयोग दिया.

बच्चों में होने वाली सिर और गले की जन्मजात विक्षतियों में ब्रोन्कियल क्लेफ्ट की विसंगतियाँ द्वितीय स्थान पर आती है; इसमें भी फर्स्ट ब्रोन्कियल क्लेफ्ट की विसंगतियों का मिलने का प्रतिशत 5% से भी कम होता है और इसमें भी कॉलऑरल साइनस दुर्लभतम रूप से देखने को मिलता है.

यह मरीज़ में जन्मजात होता है, इसमें मरीज़ के कान के पीछे की तरफ़ एक छिद्र सा होता है, जिसमें से तार के जैसा तरल या सफ़ेद लस-लसा द्रव या संक्रमण हो जाने की स्थिति में मवाद आने की समस्या होती है.कुछ स्थितियों में मरीज के कान के परदे या कान के अंदर की त्वचा में भी छिद्र पाया जाता हैं.
इसके इलाज है तो मरीज़ जब भी किसी चिकित्सक के पास जाते हैं तो कई बार अधिकतर चिकित्सक बार-बार चीरा लगाकर मवाद निकाल देते हैं; परंतु उसके पश्चात भी किसी भी तरह का आपेक्षित सुधार नहीं होने पाता है.
जिला अस्पताल की प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुसुम लता ने भी इस ऑपरेशन के संबंध में अत्यंत हर्ष व्यक्त किया एवं डॉक्टर अंकुर गुप्ता को इस दुर्लभतम विसंगति के सफलतापूर्वक ऑपरेशन करने के संबंध में शुभकामनाएँ भी दी.