आपके मास्क में ही छिपा है ‘ब्लैक फंगस’ का संक्रमण
एक ही मास्क का निरंतर प्रयोग है घातक
संभल जाइए!!यदि आप एक ही मास्क बिना धोए रोज प्रयोग में ला रहे हैं। जी हां एम्स के चिकित्सकों का मानना है कि यदि बिना धोए एक ही मास को निरंतर तौर पर प्रयोग किया जा रहा है तो यह कहीं ना कहीं आप घर बैठे बिठाए ब्लैक फंगस को निमंत्रण दे रहे हैं। मास्क के प्रति आपकी यह यह लापरवाही “म्यूकर माइकोसिस” से ग्रसित होने की वजह बन सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने इस बाबत सलाह दी है कि कोविड19 से सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सूती कपड़े के मास्क को दोबारा पहनने से पहले दैनिक तौर से अवश्य धो लें, यह बेहद जरूरी है।
यह है मास्क हानिकारक होने का कारण:
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकान्त ने बताया कि सूती मास्क हमेशा धुले हुए और साफ-सुथरे पहनने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि जिसे कोविड नहीं हुआ हो उसे म्यूकर माइकोसिस नहीं हो सकता। नाॅन डिस्पोजल मास्क को दैनिकतौर से साफ नहीं करने वाले लोगों को भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है।
जून और जुलाई के महीने वातावरण में आर्द्रता बहुत कम हो जाती है। ऐसे में जब हम नाक से सांस लेते हैं तो उसके आगे मास्क लगे होने से मास्क के अन्दर की ओर नमी बनी रहती है। मास्क को लगातार पहने रहने से इस नमी में कीटाणु पनपने लगते हैं और जिससे फंगस के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो जाता है। फिर नाक और मुंह से होता हुआ यह फंगस धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को संक्रमित कर देता है।
इसलिए यह जरूरी है की अगली बार जब इसे दोबारा प्रयोग में लाना चाह रहे हो तो पहले सुनिश्चित कर लें कि आपने इससे पूर्व अपने मास्क को कितनी बार नियमित तौर पर प्रयोग किया है?