उत्तराखंड पुलिस का अंग बने 17 नए डीएसपी

साइबर अपराधों में लगाम, ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नम्बर 155260 जारी
NARENDRANAGAR: पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेन्द्रनगर, टिहरी गढ़वाल में लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड से चयनित 17 पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षुओं के साढ़े 12 माह के आधारभूत प्रशिक्षण के पश्चात दिक्षांत परेड का आयोजन किया गया।
दीक्षांत परेड में परेड कमाण्डर प्रथम, सुमित पाण्डेय, परेड कमाण्डर द्वितीय, सुश्री रीना राठौर एवं परेड एड्ज्यूडेण्ट, श्अभिनय चौधरी नियुक्त रहे। दीक्षान्त परेड में मुख्य अतिथि के रूप में तीरथ सिंह रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड द्वारा विशिष्ट अतिथि सुबोध उनियाल,कृषि मंत्री, उत्तराखण्ड एवं अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड की उपस्थिति में दीक्षान्त परेड का मान-प्रणाम ग्रहण कर परेड का निरीक्षण किया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रशिक्षण में सर्वांग सर्वोत्तम एवं अन्तः कक्ष में प्रथम स्थान आने पर सुश्री रीना राठौर एवं बाहय कक्ष में प्रथम आने पर श्री अभिनय चौधरी को सम्मानित किया गया।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि श्री तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड ने प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है। प्रशिक्षण ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने पेशेवर कार्यों को तेजी व दक्षता से करने में सक्षम होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की कई विविधताएं हैं, कठिन भौगोलिक परिस्थिति एक सबसे बड़ी चुनौती है जहां – बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का यदा-कदा सामना करना पड़ता है, ऐसे में हमारी राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण होजाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में साईबर एवं डिजिटल तकनीकी के माध्यम से होने वाले आर्थिक अपराधों, साईबर अपराधों एवं सामाजिक अपराधों से निपटना पुलिस के लिए प्रमुख चुनौती है। इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण के दौरान साइबर अपराधों से निपटने की भी जानकारी उन्हें दी गई होगी।

Ashok kumar पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने अपने सम्बोधन में नव प्रशिक्षु अधिकारियों को निष्ठा एवं लगन के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने हेतु निर्देशित किया साथ ही पीड़ित केन्द्रित पुलिसिंग और फील्ड पुलिसिंग के बारे में कि कैसे पीड़ित को न्याय दिलाना है और कैसे अच्छी पुलिस व्यवस्था की जानी है पर टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि साहब नहीं बल्कि सेवक बनकर कार्य करें और अपने अधिकारों अधिकारों का सदुपयोग पीड़ितों, गरीबों, असहायों के हित में करें, इनका दुरूपयोग न करें।

दीक्षांत समारोह के उपरान्त पीटीसी में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में जी द्वारा साइबर अपराधों में लगाम कसने हेतु ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नम्बर 155260 का शुभारंभ किया गया। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा साईबर अपराध को एक उभरती हुयी चुनौती माना और इस चुनौती से लड़ने हेतु उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये इस मिशन का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर E-सुरक्षा चक्र बुकलेट का विमोचन भी किया गया, जिसमें जनता को जागरुक करने हेतु तमाम साईबर सम्बन्धी सावधानियां अंकित की गयी है। बुकलेट प्रकाशित होने के साथ-साथ विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमो से सॉफ्ट कॉपी के रुप में भी प्रसारित की जायेगी।

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