तीसरी लहर की तैयारी नहीं, चार धाम यात्रा पर उतावले क्यों? – Bhilangana Express

तीसरी लहर की तैयारी नहीं, चार धाम यात्रा पर उतावले क्यों?

स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार को कड़ी फटकार
ब्यूरोक्रेसी पर भी उठाए सवाल, समय पर जारी हो शासनादेश

NAINITAL: चार धाम यात्रा को लेकर सरकार की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चार धाम यात्रा एवं कैंची धाम मंदिर खोलने को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने कोरोनावायरस थापर सरकार से जवाब मांगा है और कहां है कि जब इस महामारी के कारण अमरनाथ यात्रा को स्थगित किया जा सकता है तो आप चार धाम यात्रा को लेकर इतने उतावले क्यों हो? अदालत ने तीसरी लहर के संबंध में भी सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्था पर आड़े हाथों लिया और वेंटिलेटर पर सरकार से जवाब मांगा।
हाईकोर्ट में सच्चिदानंद डबराल व अन्य की जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सचिदानंद डबराल, अनू पंत, रवीन्‍द्र जुगरान, डीके जोशी व अन्य की अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई।
कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से पूछा कि जब केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को रद्द किया हुआ है तो आप चारधाम यात्रा को शुरू करने को लेकर इतने उतावले क्यों हैं। आपके द्वारा जारी आदेशो का आप खुद पालन नहीं करवा पा रहे हैं । गंगा दशहरा पर वहां हजारों की भीड़ जमा थी जो ना तो सोसियल डिस्टेंसिंग पालन कर रहे थे और ना ही लोगों ने मास्क पहने हुए थे, आप सिर्फ आदेश जारी कर रहें हैं आदेशों का पालन नहीं करवा पा रहें हैं।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी कोर्ट काफी नाराज दिखा और कहा कि तीसरी लहर को लेकर सरकार की तैयारियां पूरी नहीं है जबकि विशेषज्ञ तीसरी लहर की संभावना जता रहे हैं। कोर्ट ने ब्लैक फंगस से निपटने की सरकार की तैयारियों को भी सवालों के घेरे में रखा और कहा कि सरकार के पास जनसंख्या के अनुपात में उपकरण ही नहीं है।
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के प्रति अदालत ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट एक महीने में पूरे देश में फैल गया था और डेल्टा प्लस वैरिएंट को फैलने में तीन महीने भी नहीं लगेंगे। ऐसे में हमारे बच्चों को बचाने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सचिदानंद डबराल, अनू पंत, रवीन्‍द्र जुगरान, डीके जोशी व अन्य की अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई।
कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव के तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए तीन महीने तक विटामिन सी और जिंक आदि की दवाएं देने की दलील पर तीखी फटकार लगाई।
Btचीफ जस्टिस ने कहा कि आप बच्‍चों को ये दवा कब खरीद कर देंगे? जब तीसरी लहर आ जाएगी, तब दवाएँ खरीदने की प्रकिया पूरी करेंगे। जिस जीओ को अगले हफ्ते या 30 जून को जारी करने की बात कर रहे हैं वह तत्काल क्यों जारी नहीं हो सकता? कोर्ट ने कहा कि आप लोग ब्यूरोक्रेटिक बाधा पैदा कर काम को बोझिल बनाकर देरी कर रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि सरकार के पास वेंटिलेटर कम है और यदि अधिक बच्चे प्रभावित हुए तो क्या सरकार क्या दूसरे बच्चों को यूं ही छोड़ देगी?

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