अनलॉक की व्यवस्था आने वाले खतरे की चेतावनी
बाजारों में बढ़ रही भीड़ से तीसरी लहर का खतरा
देश में अनलॉक की व्यवस्था एक बड़ी चिंता का कारण बनने लगी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में रोजाना तकरीबन डेढ़ मिनट में कोरोना से संक्रमित एक मरीज की मौत हो रही है। वहीं डेल्टा प्लस वायरस भी देशभर में लोगों के लिए एक चिंता का कारण बन गया है। हालांकि सरकार मृत्यु के आंकड़े को कम करने का भरसक प्रयास कर रही है लेकिन जिस प्रकार से सार्वजनिक जीवन में गाइडलाइंस का उल्लंघन किया जा रहा है वह आने वाले खतरे की भी घंटी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 894 लोगों की मौत हुई। यानी हर डेढ़ मिनट में एक मरीज ने दम तोड़ा। आंकड़े बता रहे हैं कि अभी हालात सामान्य नहीं हुए हैं और यदि इसी प्रकार की लापरवाही हम दिखाते रहे तो आने वाला समय एक बार फिर खतरनाक साबित हो सकता है। दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान सबसे अधिक आंकड़े महाराष्ट्र से आने शुरू हुए थे और अभी भी मरने वालों की संख्या महाराष्ट्र में ही सबसे अधिक है।
विश्व स्वास्थ संगठन इस बात को लेकर चिंतित है कि भारत में संक्रमित मरीजों के मरने का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र और केरल में अभी भी सर्वाधिक मौतें हो रही हैं क्योंकि इसका असर देश के अन्य स्थानों पर भी पड़ सकता है। चिंता की बात यह है कि हालात सामान्य होने का दावा करने के बावजूद दूसरी लहर में कोविड के संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 40 से 50 हजार के बीच में अटका हुआ है और मौत के आंकड़े भी औसतन रोजाना 800 के बीच में ही बने हुए हैं।