नकली रिपोर्ट दिखाने वालों पर शिकंजा कसने से संभले हालात
मसूरी, देहरादून, नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में आई कमी
उत्तराखंड में पर्यटक स्थलों को खोलने की घोषणा के बाद से ही पर्यटक होने एक नया फार्मूला निकाल लिया था जिसके तहत झूठी RTPCR रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की जा रही थी। इधर जब उत्तराखंड पुलिस ने टेस्ट रिपोर्ट की जांच शुरू की तो कई लोग पुलिस के हाथ लग गए जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पर्यटक स्थलों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद इसका असर भी दिखाई देने लगा है और केवल ऐसे लोग ही अब अनुमति पा रहे हैं जिनके पास असली कोविड-19 रिपोर्ट है।
हालांकि इसका असर पर्यटकों की संख्या पर भी पड़ा है लेकिन सुरक्षा से अधिक और कुछ नहीं हो सकता, लिहाजा इस मामले में पुलिस अभी किसी भी प्रकार की ढलाई करने के पक्ष में नहीं है। नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार एवं देहरादून के पर्यटक स्थलों पर उल्लेखनीय तौर पर पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को आई है।
नैनीताल में इस सप्ताह सैलानियों का जमावड़ा नहीं दिखाई दिया। हालांकि रविवार को सैकड़ों सैलानी पहुंचे। रविवार को सैलानियों का नगर के प्रवेश द्वार में कोविड जांच की गई। इसके बाद ही पर्यटकों को शहर में प्रवेश दिया गया।
बता दें नैनीताल में कोरोना की दूसरी लहर के बाद हालात सामान्य होने पर पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने लगा था। इस दौरान 20 से 25 हजार सैलानी नैनीताल पहुंचने लगे थे। पर्यटकों की भीड़ के कारण ना केवल संक्रमण का खतरा बना हुआ था बल्कि झूठी रिपोर्ट पेश करके नाहक भीड़ भी बढ़ाई जा रही थी देहरादून के आशा रोड़ी चौकी में पर्यटकों की रिपोर्ट चेक की जा रही थी तो यहां भी कई फर्जी मामले सामने आए। पुलिस के सख्त होने के कारण अब केवल ऐसे लोग ही उत्तराखंड में प्रवेश करने दिए जा रहे हैं जो वास्तविक रिपोर्ट लेकर आ रहे हैं। मसूरी जाने वालों को भी देहरादून और मसूरी में रिपोर्ट दिखानी होगी अन्यथा ऐसे सैकड़ों लोगों को वापस लौटाया जा चुका है।