थोड़ा हंसना और गहन चिंतन भी है जरूरी – Bhilangana Express

थोड़ा हंसना और गहन चिंतन भी है जरूरी


“आज का शहरी माहौल।।⤵️
सीन_1

सुबह सब्जी मंडी का दृश्य :-काका आलू कैसे दिए।।

(किसान)- 15 ₹ किलो बाऊजी

सही लगाओ

किसान- सही है बाऊजी

बड़ी लूट मचा रखी है 10 के लगाओ।

किसान- नही बाऊजी, नही बैठेगा ।

अरे देदो… दो किलो लूंगा

किसान- ठीक है बाउजी लेलो।😢

सीन_2

शाम का वक़्त घर का दृश्य:

Hello pizza hut: Yes sir.
Please book order, one large capsicum paneer pizza with extra cheez and one garlic bread.
Ans: Okay sir.

सीन_3

Knock knock…. Ting tong

कौन है ?

Pizza delivery boy: Pizza hut, sir.

Ohh coming… Thanks…. कितना हुआ ?

Ans: 570 Rs. Sir.

ये लो 600 and keep the change; बहुत मेहनत करते हो.

Ans: Thanks Sir.

सीन_4

कमरे का दृश्य – TV में समाचार
दो किसानों ने और आत्महत्या की।

(Pizza खाते हुए) – , ये गवर्नमेंट किसानों के बारे में बिल्कुल भी नही सोच रही…बड़े शर्म की बात है !