छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर भारी भरकम SOP – Bhilangana Express

छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर भारी भरकम SOP

मात्र 3 घंटे चलेंगी प्राइमरी की कक्षाएं
जबरन शुल्क वसूला तो स्कूलों पर कार्रवाई
अभिभावकों की मर्जी पर होगा स्कूल भेजना

Dehradun: उत्तराखण्ड़ में प्राईमरी कक्षाओं का संचालन मंगलवार 21 सितंबर से होगा। इसे लेकर एसओपी जारी कर दी गई है। अशोक में कहा गया है कि ना केवल स्कूल बल्कि ऐसे सभी स्थान जहां बच्चों का आना जाना हो उसे पूरे तौर पर सही टाइप किया जाए। इसमें क्लासरूम लाइब्रेरी शौचालय पानी की संख्या किचन वह स्टोर आदि शामिल है। साथ ही बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर भी सभी संसाधन विद्यालय में मौजूद रहने चाहिए।
बच्चों एवं शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश करने से पूर्व सेनीटाइज एवं थर्मल स्कैनिंग से भी अनिवार्य तौर पर गुजरना होगा। यही नहीं MASK अनिवार्य तो होगा ही साथ ही यदि कोई छात्र मास्क भूल जाता है तो स्कूल प्रबंधन को समुचित मात्रा में स्कूल में MASK की व्यवस्था रखनी होगी।
विद्यालय में शिक्षकों के अलावा भोजन माता एवं स्कूल प्रबंधन वह व्यवस्था से जुड़े सभी कर्मचारियों को अनिवार्य तौर पर वैक्सीनेटेड होना होगा।
क्योंकि मामला अब छोटे बच्चों से जुड़ा हुआ है अतः शासन द्वारा इस दिशा में भारी भरकम गाइडलाइंस जारी किए गए हैं। इसके तहत विद्यालयों के वाशरूमों में एन्टीसैप्टिक लिक्विड हैंडवाश की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाय शिक्षण संस्थाओं में बच्चों के पीने के पानी का स्थल भी भली भाँति स्वच्छ रखते हुये पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाय। ध्यान रहे कि ऐसे स्थलों पर छात्र छात्रायें एक साथ एकत्रित न हों।
प्रत्येक जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वे अपने जनपद के अन्तर्गत ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे, जिससे किसी शिक्षण संस्थान में कोविड संक्रमण पाये जाने पर तत्काल इसकी सूचना जिला प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई जा सके एवं सम्बन्धित शिक्षण संस्था में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाये।
छात्र छात्राओं के अभिभावकों की सहमति के साथ उन्हें विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थित होने की अनुमति प्रदान की जाय इसके लिये छात्र-छात्रायें विद्यालय भौतिक रूप से खुलने अथवा विद्यालय में उपस्थित होने के तीन दिन के अन्दर विद्यालय प्रबन्धन को अभिभावकों के सहमति पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे।
विद्यालय में प्रवेश एवं छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिग का अनुपालन हो सके इसके लिए अलग-अलग कक्षाओं के लिए समय अन्तराल निर्धारित किया जाये तथा एक साथ सभी कक्षाओं को न छोड़ा जाय। ऐसी शिक्षण संस्थायें जिसमें छात्र छात्रायें पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का उपयोग करते हुये विद्यालय में आते हैं, उनके पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को बिठाने तथा पब्लिक ट्रॉस्पोर्ट को समय-समय पर सैनेटाईज करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
विद्यालय के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं भोजन माताओं की Vaccination की यथासम्भव व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय। यदि किसी शिक्षक अथवा कर्मचारी का Vaccination नहीं हुआ है, तो विद्यालय प्रधानाध्यापक / प्रबन्धन द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से ऐसे कर्मचारियों का vaccination प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने का प्रयास किया जाय।
साथ साथ चलेगी ऑनलाइन कक्षाएं भी
कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं के भौतिक रूप से पठन-पाठन कराये जाने के साथ-साथ ऑनलाईन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत् जारी रखी जाये। जो छात्र विद्यालय में भौतिक पठन-पाठन हेतु उपस्थित नहीं हो सकते हैं अथवा अभिभावक अपने पाल्य को नहीं भेजना चाहते हैं, इसके लिये शिक्षक ऑनलाईन पठन पाठन का समय निर्धारित कर सकते हैं।

शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य शुल्क लेने पर कार्रवाई
समस्त विद्यालय प्रबन्धन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाय कि बच्चों से शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों से सम्बन्धित शुल्क किसी भी दशा में न लिया जाय और न ही प्रथम चरण में पाठ्यत्तेर गतिविधियों का आयोजन किया जाय।

कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएँ तीन घण्टे संचालित जायेंगी। जिन विद्यालयों में कक्षा शिक्षण दो पालियों में संचालित होगा, विद्यालय प्रबन्धन समय सारिणी में परिवर्तन कर सकेगी तथा प्रथम पाली के बाद कक्षा-कक्षों को सैनेटाईज किये जाने के बाद ही दूसरी पाली प्रारम्भ प्रारम्भ की जायेगी। विद्यालय सोमवार से शुक्रवार तक कक्षा शिक्षण हेतु खुले रहेंगे तथा शनिवार / रविवार को जिला प्रशासन, नगर प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नियमित सैनेटाईजेशन तथा फौगिंग करायी जायेगी।
डेंगू एवं मलेरिया के भी अपेक्षित प्रसार को दृष्टिगत रखते हुये छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवधि में फुल बाजू के पैंट शर्ट / सलवार कमीज पहनकर विद्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया जाय।