छठ पर अवकाश तो इगास की छुट्टी कौन सी बड़ी उपलब्धि

उत्तराखंड की परंपरा में शामिल रहा इगास का त्यौहार

Dehradun: ईगास की छुट्टी को लेकर अब अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आने लगी है जहां राज्य सरकार ने पूर्व घोषणा के अनुसार बिना दिन देखे ही रविवार के दिन इस त्यौहार की छुट्टी की घोषणा कर दी तो वही अपनी भूल का आभास होने के बाद इसे 1 दिन बढ़ाकर 15 नवंबर किया गया। वहीं प्रदेश के लोगों का यह भी कहना है कि जब छठ पूजा की छुट्टी सरकार घोषित कर सकती है तो उत्तराखंड में परंपरागत तरीके से बनाए जाने वाले इगास को लेकर छुट्टी की व्यवस्था तो पहले से ही सरकारी गजट में होनी चाहिए थी।
मालूम हो कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलो में दीपावली के ठीक 11 दिन बाद इगास पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। सीएम ने इस पर्व पर राजकीय अवकाश घोषित किया है, जिसके बाद पूरे प्रदेश में उनकी सराहना की जा रही है। , राज्य सरकार ने पहले 14 नवंबर यानी रविवार को इगास की राजकीय अवकाश घोषित किया था। इसके बाद शुक्रवार को शासन ने आदेश जारी कर 15 नवंबर यानी सोमवार को इगास की राजकीय अवकाश घोषित कर दिया है।

इस छुट्टी को लेकर उत्तराखंड के लोग कोई बड़ी उपलब्धि नहीं मानते और उनका कहना है कि छठ पूजा की छुट्टी उत्तराखंड में घोषित की जा सकती है तो ईगास तो हमारा पुराना परंपरागत त्यौहार है। हालांकि पर राजकीय छुट्टी घोषित करना कोई बड़ी बात नहीं है, खैर कुछ भी हो उत्तराखंड के नए पुराने परंपरागत त्यौहार को याद करने के लिए उत्तराखंड के लोगों को कम से कम एक छुट्टी और मिल ही गई है।