5 साल से दे रहा था उत्तराखंड पुलिस को चकमा
किडनी प्रकरण में डॉक्टर दंपति समेत 1 दर्जन से अधिक लोग किए जा चुके हैं गिरफ्तार
Dehradun:साल 2017 में उत्तराखंड के डोईवाला थाना क्षेत्र के लाल थप्पड़ में स्थित एक क्लीनिक में किडनी कांड का खुलासा हुआ था। इस प्रकरण के तार भारत के कई दूसरे अस्पतालों से भी जुड़ कर सामने आए थे । कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस मामले में वांछित अक्षत राऊत के पिता अमित राऊत को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन अक्षत वर्ष 2017 से ही पुलिस को चकमा देने में सफल हो रहा था। उधर आखिरकार देहरादून पुलिस ने फरार अक्षत रावत को भी गिरफ्तार कर लिया। अक्षत पर ₹20000 का इनाम घोषित था और काफी प्रयासों के बाद भी वह पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहा था ।
यह मामला उस वक्त पूरे हिंदुस्तान में चर्चाओं का केंद्र बना था क्योंकि देहरादून के एक अस्पताल से लोगों की किडनी निकाल कर उन्हें महंगे दामों पर प्रत्यारोपित किया जाता था। गरीब एवं भोले भाले लोगों को पैसों का लालच देकर उनकी किडनी निकाल ली जाती थी। इस मामले में प्रकरण के मुख्य आरोपी वह चिकित्सक दंपत्ति वर्ष 2017 में ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं इनके नाम डॉक्टर संजय और उनकी पत्नी डॉ सुषमा है। इसके अतिरिक्त अक्षय के पिता समेत 12 अन्य लोगों को भी किडनी कांड में गिरफ्तार किया गया था। जबकि अक्षय राऊत फरार हो गया था। उसकी डिग्रियों की जांच करने पर पता चला था कि दंपत्ति द्वारा नेपाल से एमबी की डिग्री हासिल की गई थी।
जब पुलिस ने डॉक्टर दंपति के क्लीनिक पर छापा मारा था तो उस वक्त भी तीन लोगों के शरीर से किडनी निकालने की प्रक्रिया चकेल रही थी जिनमें से एक की किडनी निकाली जा चुकी थी। बताया जा रहा है कि इन लोगों की किडनी को डॉ अमित के संबंधों के आधार पर बेचा जाता था। डॉ अमित के साथ भी डॉक्टर दंपति ने कुछ ऑपरेशन किए थे।
अक्षय की गिरफ्तारी के बाद अब कुछ और राज भी सामने आ सकते हैं जिसके लिए पुलिस अक्षय को रिमांड में पेश करने के बाद डिमांड मांग सकती है।