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आज मिल सकती है हरक को कांग्रेस की सदस्यता
बहु अनुकृति गुसाई भी होंगी कांग्रेस में शामिल
Dehradun: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर हरक सिंह रावत पर सबकी निगाहें है। हालांकि पिछले 5 दिनों से अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि क्या उन्हें कोई राष्ट्रीय दल अपने में शामिल करेगा या नहीं? सूत्र बताते हैं कि हरक सिंह रावत लगातार कांग्रेस की सदस्यता ज्वाइन करने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं लेकिन उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस संगठन के अंदर ही उन्हें लेकर काफी विरोध है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस से हाईकमान के पास जो रिपोर्ट गई है वह हरक सिंह के पक्ष में नहीं है लेकिन अब कहीं ना कहीं हरक सिंह रावत को लेकर हाईकमान ने थोड़ा नरम रवैया दिखाने का मन बना लिया है।
सूत्र बताते हैं कि कुछ खास शर्तों के साथ हरक सिंह रावत को आज कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है और उनके साथ उनकी बहू अनुकृति गुसाईं भी कांग्रेस की सदस्यता ले सकती हैं। इन परिस्थितियों में अनुकृति गुसाई को लैंसडाउन का टिकट मिलने की उम्मीदें भी दिखने लगी है हालांकि अभी पार्टी स्तर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। यदि आज कांग्रेस हरक सिंह रावत को पार्टी के सदस्य देने पर राजी हो जाती है तो हरक सिंह रावत को भी एक बड़ा सुकून मिलेगा क्योंकि भाजपा ने उनकी मनमानी पर उन्हें सीधा बाहर का रास्ता दिखा दिया था और उसके बाद से ही वे कांग्रेस में जाने के लिए हाथ पैर मार रहे थे।
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मनमानी पड़ी महंगी, हाईकमान ने किया था बाहर
बता दें कि हरक सिंह रावत अक्सर चुनावों से ऐन पहले कुछ ना कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिसे लेकर उनकी छवि पर सवाल उठते आए हैं। 2016 में भी वह अपने कुछ सदस्यों को लेकर भाजपा में शामिल हो गए थे और इस बार भी चुनावों से ठीक पहले उन्होंने अपनी ऐसी शर्ते रखी जिसे भाजपा हाईकमान ने सिरे से नकार दिया और उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिय
अभी भी आसान नहीं हरक की राह, कांग्रेस में है विरोध
हालांकि कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी हरक सिंह रावत की परेशानियां आसानी से समाप्त होने वाली नहीं है। लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में अनुकृति गुसाईं को टिकट देने पर नाराजगी प्रकट हो सकती है जबकि हरक सिंह रावत भी यदि कांग्रेस के बैनर पर टिकट मांगते हैं तो कोटद्वार में भी कांग्रेस से टिकट की आस में लगे दूसरे उम्मीदवार हाईकमान को अपनी नाराजगी जता सकते हैं। हरक सिंह रावत अब कम से कम यह समझ चुके होंगे कि उनकी मनमानी जरूरी नहीं कि हर स्तर पर मानी ही जाए इसका खामियाजा वह पिछले 5 दिनों में भुगत चुके हैं।