4600 ग्रेड-पे मुद्दे पर हरीश रावत का “मास्टर स्ट्रोक” – Bhilangana Express

4600 ग्रेड-पे मुद्दे पर हरीश रावत का “मास्टर स्ट्रोक”

क्या वाकई वादों पर खरे उतरते हैं राजनेताओं के वादे?
वर्तमान सरकार के तीन मुख्यमंत्री भी नहीं कर पाए मांग को पूरा

Dehradun: चुनाव आने के साथ ही उत्तराखंड पुलिस के कर्मचारियों का 4600 ग्रेड-पे का मुद्दा एकाएक फिर से गर्म हो गया है। आचार संहिता लगने से पूर्व राज्य सरकार ने संबंधित पुलिसकर्मियों को एकमुश्त ₹200000 देने की घोषणा की थी लेकिन पुलिसकर्मी से संतुष्ट नहीं थे और उनमें नाराजगी व्याप्त हो गई। आचार संहिता लगने के साथ ही राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई नई घोषणा होने की उम्मीद वर्तमान भाजपा सरकार मैं तो टूट ही गई। मार्च महीने में अब नई सरकार के गठन की ओर उम्मीद भरी टकटकी लगाए देखने के अलावा कोई रास्ता फिलहाल पुलिसकर्मियों एवं उनके परिवारों के आगे नहीं रह गया है।

इधर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एन चुनावों के समय पुलिसकर्मियों एवं उनके परिवारों से जुड़ी 4600 ग्रेड-पे की मांग को सामने रख कर भाजपा के खेमे में हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने पुलिसकर्मियों से वादा किया है कि सरकार में आने के साथ ही उनकी इस बहुप्रतीक्षित ग्रेड-पे की मांग को पूरा कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि हरीश रावत का यह मुद्दा उठाना एक मास्टर स्ट्रोक है जिसमें उन्हें निश्चित तौर पर पुलिस परिवार का एक बड़ा समर्थन इन चुनावों में मिल सकता है।

हालांकि राजनेताओं के वादे और घोषणाएं कितने सफल और सच्चे साबित होते हैं यह वर्तमान सरकार में देखा जा चुका है। पुलिस कर्मियों की इस बहुप्रतीक्षित मांगों को वर्तमान सरकार के तीन मुख्यमंत्री भी पूरा नहीं कर पाए और वर्तमान कार्यकाल में पुलिसकर्मी आचार संहिता से पूर्व अपनी मांग पूरी होने की प्रतीक्षा की करते रह गए।

बहरहाल राजनीतिक मुद्दों को भुनाने का खास हुनर रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुलिस कर्मियों की इस मांग को पूरा करने का वादा किया है, लेकिन देखना यह है कि सत्ता में आने के बाद क्या वाकई वह अपने वादे पर खरे उतरेंगे? लंबी लड़ाई लड़ते हुए पुलिस कर्मियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है जिसका परिणाम हाल ही में संबंधित पुलिसकर्मियों के परिवारों द्वारा सड़कों पर प्रदर्शन कर सामने आ चुका है।