वाह रे बाबू!! आचार संहिता में भी रिश्वतखोरी की मौज – Bhilangana Express

वाह रे बाबू!! आचार संहिता में भी रिश्वतखोरी की मौज

सिंचाई अनुभाग का समीक्षा अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
अपने ही विभाग के कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ते सरकारी रिश्वतखोर

Dhradun: जीरो टॉलरेंस वाली सरकार की नाक के नीचे ही रिश्वतखोरी का खेल चल रहा था जिसे उत्तराखंड की विजिलेंस टीम ने बेनकाब करते हुए सिंचाई विभाग के एक समीक्षा अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मजे की बात तो यह है कि वर्तमान में प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है लेकिन इसके बावजूद भी ले देकर काम कराने के सारे हथकंडे चालू है। नैतिकता इस प्रकार से गिर चुकी है कि अपने ही विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी के लंबित पड़े भुगतान के बदले में अंडर टेबल गैर कानूनी तरीके से पैसे मांगे जा रहे हैं।

सिंचाई विभाग में तैनात समीक्षा अधिकारी कमलेश थपलियाल को ₹75000 रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि 2008 में विजिलेंस रिटायर्ड एक अभियंता से लंबित देय भत्तों के एवज में ₹100000 रिश्वत मांगी जा रही थी जिस पर बातचीत करते हुए ₹75000 में सौदा तय हुआ और शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने देर शाम कमलेश थपलियाल को ₹75000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों रेस्ट कर लिया है इस गिरफ्तारी के बाद से सचिवालय व सचिवालय के तमाम भागों में भी हड़कंप मचा हुआ है।

रिटायर्ड कनिष्ठ अभियंता ने की थी शिकायत
विजिलेंस से मिली जानकारी के मुताबिक 25 फरवरी 2022 को शिकायतकर्ता महेश चंद्र अग्रवाल ने एक पत्र विजिलेंस को दिया था. जिसमें बताया गया कि वह 30 अप्रैल 2008 को उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अंतर्गत मनेरीभाली परियोजना से कनिष्ठ अभियंता के पद पर सेवानिवृत्त हुए थे. रिटायरमेंट के दौरान सिंचाई विभाग स्टोर से सम्बंधित कुछ मदो में समान कमी के चलते शिकायतकर्ता की ग्रेच्युटी से साल 2013 में कटौती की गई.

ऐसे में शिकायतकर्ता द्वारा अपनी भुगतान लंबित होने के चलते उत्तराखंड ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल न्यायालय ने शिकायत कर्ता के पक्ष में निर्णय दिया गया।

विजिलेंस सेक्टर देहरादून के मुताबिक आरोपी द्वारा रिश्वत की रकम सिंचाई विभाग के ही रिटायर्ड कनिष्ठ अभियंता के ग्रेच्युटी व फंड लंबित भुगतान के एवज में ₹1 लाख रिश्वत आरोपी द्वारा मांगी गई थी. जिसमें 75 हजार पर दोनों के बीच सहमति बनी. इसके बाद शिकायतकर्ता महेश चंद्र अग्रवाल ने इस मामले में विजिलेंस को प्रार्थना पत्र देकर सोमवार देर शाम समीक्षा अधिकारी कमलेश थपलियाल को रिश्वत की रकम देते रंगे हाथों सचिवालय गेट पर ट्रेप करवाया।

वहीं, आरोपी के खिलाफ अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम दो हजार अट्ठारह की समुचित धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर जांच जारी है. वहीं, सतर्कता विभाग निदेशक अमित सिन्हा द्वारा विजिलेंस टीम को 10 हजार का इनाम देने की घोषणा की गई है.