एसटीएफ ने दबोचे कुख्यात गोगी गैंग के तीन शार्प शूटर – Bhilangana Express

एसटीएफ ने दबोचे कुख्यात गोगी गैंग के तीन शार्प शूटर

नेशनल-इंटरनेशनल लेबल का किक बॉक्‍सर, जीत चुका है तीन गोल्‍ड व 2 सिल्‍वर मेडल
तिहाड़ जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट पर भी किए थे गिरोह ने फायर

New Delhi: Delhi police के special cell के एसटीएफ दस्ते ने में कुख्यात ‘गोगी गैंग’ के तीन प्रमुख शार्पशूटर को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बदमाशों की पहचान मुकेश उर्फ पुनीत उर्फ संजू (32), हरविंदर उर्फ मोनू (29) तथा बाक्सार शक्ति उर्फ ओम (22) के रूप में हुई है। आरोपियों में जहां दो बदमाश शातिर अपराधी है वहीं एक आरोपी शक्ति उर्फ ओम उर्फ नेशनल और इंटरनेशनल लेबल का किक बाक्सूर है 5 राष्ट्रीय और एक अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग टूर्नामेंट में राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्वर्ण और दो रजत पदक जीते है।

स्पेरशल सेल व नार्थ रीजन एसटीएफ के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि एसीपी वेद प्रकाश की टीम के इंसपेक्ट‍र कृष्ण कादियान और इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीनों बदमाशों को मुठभेड के बाद कंझावला इलाके से गिरफ्तार किया गया उनके कब्जें से तीन पिस्तौल, कारतूस व चोरी की मोटर साईकिल बरामद की गई है। तीनों गोगी गैंग के शातिर बदमाश है।
पुलिस ने बताया कि मुकेश उर्फ पुनीत बांकनेर, नरेला, का रहने वाला है तथा 8वीं तक ही पढ़ा है। शुरूआती दिनों में वह शौकियों कुश्ती लडता था लेकिन पैसे की कमी के कारण उसने कुश्ती छोड़ दी और ड्राइवर बन गया। ड्राइविंग पेशे के दौरान वह क्षेत्र के अपराधिक छवि के लोगों के संपर्क में आ गया और और उनके साथ मिलकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा । 2012 में उसने नरेला में एक पेट्रोल पंप की लूट की पहली घटना को अंजाम दिया। जिसमें पकडे जाने पर वह 2013 तक जेल में रहा।

साल 2014 में उसे दिल्ली के बांकनेर में तत्कालीन विधायक चरण सिंह खंडेरा के एक करीबी रिश्तेदार की हत्या के प्रयास के मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया था। इस मामलें में वह 2015 में जेल से रिहा हुआ । इस अवधि के दौरान वह जेल के अंदर जितेंद्र उर्फ गोगी के संपर्क में आया और उसके गिरोह में शामिल हो गया। जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर से एक ट्रक लूट लिया। जिसमें वह 2018 तक जेल में रहा। साल 2018 में जेल से छूटने के बाद उसने दिल्ली के नरेला और अमन विहार क्षेत्र के दो लोगों के साथ लूटपाट की । एक टोल टैक्स बूथ पर फायरिंग की, जिसमें उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। जुलाई 2021 में पैरोल पर रिहा होने के बाद वह फिर से आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया क्योंकि उसने अपने सहयोगियों के साथ जीटीके बस डिपो, महिंद्रा पार्क, दिल्ली के पास अपने विरोधी गैंग के सदस्य पर गोलियां चला दी थीं। 17 सिंतबर 2021 को उसने अपने एक सहयोगी के साथ तिहाड़ जेल के सहायक जेल अधीक्षक के घर पर भी ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। और उसी कदन समयपुर बादली क्षेत्र से एक कार लूटी थी।

1 अक्टूाबर 21 को जब गैंगवार में जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या कर दी गई, तो उसने अपने साथियों के साथ दिल्ली के प्रहलादपुर गांव में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के एक सदस्य को मारने की योजना बनाई। हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक लिया और उसके चार साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन वह पुलिस कर्मियों पर फायरिंग कर भागने में सफल रहा। 23 अक्टू बर को उसने अपने सहयोगी के साथ समयपुर बादली इलाके में 18 लाख रुपये लूट की वारदात को अंजाम दिया। इसी महीने 3 अप्रैल को उसने अपने साथियों के साथ घेवरा निवासी एक व्य क्ति की हत्याा कर दी।

मुकेश का साथी हरविंदर उर्फ मोनू झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है। 10 वीं की पढ़ाई के बाद वह आईजीआई एयरपोर्ट पर हेल्पर के तौर पर काम करता था । उसकी बहन की शादी करमवीर उर्फ काला निवासी से हुई है, जो गोगी गैंग का शार्प शूटर था। 2017 में उसने अपने साथियों के साथ बहादुरगढ़ बस स्टैंड पर मिंटू निवासी रानीखेड़ा की हत्या कर दी। उसे इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसमें उसे जमानत मिल गई थी और अपने पैतृक गांव में अपने दोस्त के साथ पुरानी दुश्मनी को लेकर एक अन्य व्यक्ति की हत्या कर दी थी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामलें दिसंबर 2021 में वह जमानत पर रिहा हुआ था। वह अपने साले करमवीर उर्फ काला के नियमित संपर्क में था। इससे पहले कर्मवीर उर्फ काला ने घेवरा निवासी सोमबीर की हत्या कर दी ।

इस मामले में करमवीर उर्फ काला जेल में है । इस मामलें में सोमवीर का पिता रामेश्वर मुख्य गवाह था। कर्मवीर उर्फ काला के आदेश पर हाल ही में हरविंदर ने अपने चचेरे भाई शक्ति उर्फ ओम उर्फ बॉक्सर और मुकेश उर्फ पुनीत के साथ मिलकर मुख्य गवाह रामेश्वर की हत्या कर दी।

शक्ति उर्फ ओम उर्फ बॉक्सर भी हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है और 12वीं तक पढ़ाई के बाद वह बॉक्सिंग सीख रहा थाउसने घेवरा, सोनीपत और बपरोला, नजफगढ़ में किक बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ली। ओम ने 5 राष्ट्रीय और एक अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भाग लिया और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्वर्ण और दो रजत जीते। लेकिन गांव में पुरानी रंजिश के चलते वह अपने चचेरे भाई हरविंदर उर्फ मोनू की संगत में पडकर अपराध करने लगा। उसे हरियाणा में लूट के एक मामले में भी गिरफ्तार किया जा चुका है।