जेएन.1 वेरिएंट को लेकर उत्तराखंड भी सतर्क, जारी हुई एडवाइजरी – Bhilangana Express

जेएन.1 वेरिएंट को लेकर उत्तराखंड भी सतर्क, जारी हुई एडवाइजरी

Dehradun: कोरोनावायरस के नए वेरिएंट को लेकर केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को जारी की गई एडवाइजरी के बाद उत्तराखंड में भी SOP जारी कर दी गई है।
दो साल पहले भारत सहित पूरी दुनिया ने कोरोना वायरस का बड़ा असर देखा था जिसने दुनिया को स्थिर कर दिया था। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भारत की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला और कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। CORONA महामारी ने भारत के स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए थे। कोरोना संक्रमण काल को एक बुरा सपना समझकर लोग भूलने की कोशिश कर रहे थे, कि इधर एक बार फिर कोरोना का एक नया वेरिएंट दहशत पैदा करने की कोशिश करने में लगा है। जेएन.1 वेरिएंट का आगमन दक्षिण भारत के केरल राज्य में हो चुका है जिसे देखते हुए देश भर में सतर्कता बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, तो वहीं केंद्र सरकार की ओर से भी इस नए वेरिएंट को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है। केंद्र की एडवाइजरी के बाद आज स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसने वेरिएंट को लेकर SOP जारी की गई है।
जेएन.1 वेरिएंट कोरोना के अमिक्रॉन सब वेरिएंट का ही एक म्यूटेशन है। इसका पहला केस यूरोप में पाया गया था। इसके बाद अमेरिका और दूसरे कई देशों में इसके केस आए हैं। हालांकि अभी राहत की बात यह है कि यह वेरिएंट अधिक क्रियाशील नजर नहीं आया है और जेएन.1 वेरिएंट के मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं, लेकिन हो सकता है कि ये वायरस संक्रामक ज्यादा हो, ऐसे में आने वाले दिनों में इस पर नजर रखने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उन परिस्थितियों से भी इनकार नहीं कर रहे हैं जिसमें यदि मरीजों में गंभीर लक्षण नजर आए तो कोविद प्रोटोकॉल को एक बार फिर देश भर में लागू किया जा सकता है।
सरकार को अभी से इस दिशा में बुनियादी स्तर पर प्रयास शुरू कर देने चाहिए, जिसमें कोविद से संबंधित हर प्रकार की बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को शामिल करना होगा। भूलना नहीं चाहिए कि पहले भी कोविड संक्रमण ने अपना असर दिसंबर महीने से ही दिखाना शुरू किया था जो की जनवरी एवं फरवरी से लेकर अप्रैल तक विकराल रूप धारण कर चुका था। भारत में पहली और दूसरी लहर में काफी तांडव मचाया था जबकि तीसरी लहर आने तक भारत खुद को संभाल चुका था और व्यापक टीकाकरण ने कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को काफी हद तक रोक लिया था।
इधर एक बार फिर स्वास्थ्य कर्मियों को कमर कसनी होगी, सरकार को कोशिश करनी होगी कि इस संभावित नए कोविड संक्रमण को फैलने से रोका जाए।