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15 जनवरी का नगर कीर्तन एवं 17 जनवरी का गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व
देहरादून: गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा द्वारा गु. श्री गुरु नानक निवास, सुभाष रोड़ पर गुरुद्वारों एवं ज़त्थे बंदियों की हुई मीटिंग में सर्वसम्मिति से निर्णय लिया गया कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व 17 जनवरी को एवं नगर कीर्तन 15 जनवरी दिन सोमवार को निकाला जायेगा।
“सर्वत्र के भले” क़ी अरदास के पश्चात सेवा सिंह मठारु ने कार्यक्रम क़ी रूप रेखा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नगर कीर्तन गु. करनपुर से 15 जनवरी को 12.30 बजे दोपहर को आरम्भ हो सर्वे चौक, क्वालिटी चौक, घंटाघर, पल्टन बाजार, धामावाला बाजार, लखीबाग पुलिस चौकी से रात्रि करीब 8.0 बजे गु. श्री गुरु सिंह सभा में सम्पूर्ण होगा। गुरु गोबिंद सिंह जी का 357 वां प्रकाश पर्व गु. रेस कोर्स के खुले पंडाल में प्रातः 3.30 से दोपहर 3.30 बजे तक कथा – कीर्तन के रूप में मनाया जायेगा।
हेडग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने कहा कि अमृत संचार 14 जनवरी को गु. श्री गुरु सिंह सभा में प्रातः 8.0 बजे से धर्म प्रचार कमेटी करवाएगी l प्रसिद्ध रागी ज़त्थे एवं कथा वाचक संगत को मनोहर कीर्तन एवं गुर इतिहास श्रवण करवाएंगे। रात्रि का दीवान गु. श्री गुरु सिंह सभा में रात्रि के 10.0 बजे तक सजेगा। लंगर बनाने की सेवा में सभी को सहयोग करना चाहिए।
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स. देविंदर सिंह भसीन ने कहा कि नगर कीर्तन को सुचारु रूप से चलाने के लिए कार्यकर्ता पुलिस का सहयोग करेंगे एवं गतका पार्टियों को विशेष निर्देश दिये जाँएगे। लंगर बरताने के लिए और अधिक सेवदारों की सेवा ली जाएगी।
गु. पटेल नगर के प्रधान स. हरविंदर सिंह ने कहा कि गुरुद्वारा पटेल नगर पूर्ण सहयोग करेगा। रेसकोर्स के प्रधान स. बलबीर सिंह ने कहा कि हर प्रकार का सहयोग पूर्व की भांति करेंगे।
स. के एस चावला जी ने सभी को प्रकाश पर्व पर अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित किया। बिंद्रा जी ने कहा कि अपना फर्ज समझ कर सहयोग करना चाहिए।
महासचिव स. गुलज़ार सिंह जी ने आये हुए सभी सज्जनों का सहयोग के लिए धन्यवाद किया, गुरपूर्व सभी के सांझे होते है, इसलिए अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रमों में पहुंच कर गुरु घर क़ी खुशियाँ प्राप्त करें।
इस अवसर पर प्रधान गुरबख्श सिंह राजन, महासचिव गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, देवेंदर सिंह भसीन, गुरप्रीत सिंह जोली, हरमोहिंदर सिंह, जगजीत सिंह, के एस चावला, जसबीर सिंह, हरजीत कौर, परमजीत कौर, राजिंदर सिंह राजा, गुरविंदर पाल सिंह सेठी, दलजीत सिंह, हेडग्रंथी भाई शमशेर सिंह, गुरमीत सिंह कैथ, हरप्रीत सिंह छाबड़ा, देविंदर सिंह बिंद्रा, जसपाल सिंह, गुरचरण सिंह, दलबीर सिंह कलेर, हरचरण सिंह, हरप्रीत सिंह, तिलक राज, उज्जवल सिंह, संतोख सिंह, कुलवंत सिंह आदि काफ़ी संख्या में गुरुद्वारों के पदाधिकारी उपस्थित थे।