STF एवं साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड के प्रयास से एक पीड़ित को साइबर स्कैम “डिजिटल हाउस अरेस्ट” के द्वारा लाखों की साइबर धोखाधडी का शिकार होने से बचाया गया
देहरादून: देश भर में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है। साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। वर्तमान में धोखाधड़ी के लिए एक नया तरीका *डिजिटल हाउस अरेस्ट* काफी इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें बेखबर लोग अपराधियों की गिरफ्त में आकर लाखों से करोड़ों रुपये गवां रहे हैं।
इस स्कैम में साइबर अपराधी बेखबर लोगों को धोखा देने के लिये नारकोटिक्स डिपार्टमेण्ट, साइबर क्राइम, IT या ED अफसर के नाम से कॉल कर ऐसी गलती बताते हुये जो आपने की ही न हो जैसे आपके नाम/आई0डी0 पर खुले बैंक खातों में हवाला का पैसा जमा होने, आपके नाम से भेजे गये कोरियर/पार्सल में प्रतिबंधित ड्रग्स, फर्जी दस्तावेज पासपोर्ट आदि अवैध सामग्री पाये जाना बताकर मनी लॉण्ड्रिंग, नारकोटिक्स आदि केस में गिरफ्तार करने का भय दिखाकर व्हाट्सएप वाइल/वीडियो कॉल, स्काइप आदि के माध्यम से डिजिटल हाउस अरेस्ट कर उनका सारा पैसा जाँच/वैरिफिकेशन के नाम पर डमी खाते में ट्रांसफर कराकर धोखाधडी को अंजाम दिया जा रहा है।
इसी प्रकार डिजिटल अरेस्ट के एक प्रकरण में देहरादून निवासी एक पीडित द्वारा साइबर अपराधियों की गिरफ्त में फंसकर 10 लाख रुपये का लोन लेकर पैसा देने की तैयारी की जा रही थी, जिसके द्वारा जब डिजिटल अरेस्ट के सम्बन्ध में समाचार देखे तो उसे अपने साथ स्कैम होने का संदेह हुआ पीड़ित द्वारा तुरन्त साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर आकर जानकारी दी गयी व लाखों रुपये की धोखाधडी का शिकार होने से बच गया।
ध्यान रखे कि डिजिटल अरेस्ट एक स्कैम है जो वर्तमान में पूरे भारत वर्ष में चल रहा है, कोई भी सी0बी0आई0 अफसर, मुम्बई क्राईम ब्रान्च, साइबर क्राइम, IT या ED अफसर या कोई भी एजेंसी आपको व्हाट्सएप के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करने हेतु नोटिस प्रेषित नहीं करती है। साथ ही कोई व्यक्ति आपको फर्जी दस्तावेज, अवैध सामग्री आदि के नाम पर आपको डरा धमका रहा है या पैसों की मांग कर रहा है तो इस सम्बन्ध में STF/साइबर थानों में अतिशीघ्र अपनी शिकायत दर्ज करायें। उक्त सम्बन्ध में ज्यादा से ज्यादा जागरुक हों।
इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन कम्पनी की फ्रैन्चाईजी लेने, यात्रा टिकट आदि को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से पूर्ण वैरीफिकेशन व भली-भाँति जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर का नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें ।
वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।