अब तो खाली-खाली सी लगती है यह नगरी – Bhilangana Express

अब तो खाली-खाली सी लगती है यह नगरी

पंचतत्व में विलीन हुई उत्तराखंड की महान विभूति
हल्द्वानी के कण-कण में समाई है “इंदिरा” की यादें
HALDWANI: हल्द्वानी शहर को अपना घर समान समझने वाले डॉक्टर इंदिरा हृदयेश अब पंचतत्व में विलीन हो चुकी हैं। आज उन की शव यात्रा में जनसभा उमड़ा तो उनके प्रति लोगों का प्यार भी छलक उठा। अपने राजनीति काल में उन्होंने जिस प्रकार से हल्द्वानी शहर की सूरते-हाल को सुधारा वह अगले कई सालों तक चर्चा में रहेगा। आज हल्द्वानी की जो सुविधाजनक एवं आधुनिक सूरत लोगों के सामने है उसके पीछे डॉक्टर इंद्रा हृदयेश कि अपने क्षेत्र के प्रति लगन, त्याग एवं समर्पण साफ़ नजर आता है।
कल सुबह दिल्ली में हार्ट अटैक आने से डॉक्टर इंदिरा हृदेश का निधन हो गया था। पूरे उत्तराखंड के लिए यह खबर झकझोर देने वाली थी क्योंकि चाहे वह सत्ता में रही हो या ना रही हो हमेशा से ही जनता के लिए वह सुलभ उपलब्ध रहती थी। आज उनका अंतिम संस्कार किया गया।

रानी बाग चित्र शीला घाट पर उनके समर्थक उनके अंतिम दर्शनों के लिए उमड़े थे। जैसे ही उनका शव श्मशान घाट पर लाया गया तो लगा वक्त मानो पूरी तरह से जस का तस रुक गया।
हल्द्वानी की जनता को तो मानव विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हमेशा उनके बीच रहने वाली उनकी नेता डॉक्टर इंदिरा हृदयेश अब उनके बीच नहीं है। उनके पुत्रों द्वारा उन्हें मुखाग्नि देने के साथ ही उनके समर्थन में नारे लगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सहित पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व कैबिनेट के अन्य मंत्रियों के साथ ही पुलिस अधिकारी व क्षेत्र की जनता ने उन्हें अंतिम विदाई देते हुए श्रद्धांजलि पुष्प अर्पित किए।

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