यदि पत्र असली तो आखिर किसने किया लीक
विभागीय पत्रों का लीक होना गंभीर मामला
DEHRADUN: पौड़ी जनपद में गढ़वाल परीक्षेत्र पुलिस उपमहानिरीक्षक का आवास है जहां लगे सेब के पेड़ों को लेकर एक पेड़ चर्चाओं का विषय बना हुआ है। असल में इस पेड़ मैं लगे सेब के फलों को बंदरों से बचाने के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक परी क्षेत्र कार्यालय से एक पत्र कथित तौर पर जारी हुआ है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस पत्र के अनुसार प्रतिसार निरीक्षक जनपद पौड़ी को आदेश दिए गए हैं कि वे उपमहानिरीक्षक के आवास में लगे सेब के पेड़ों को बंदरों से बचाने के लिए गार्ड की व्यवस्था तत्काल कराएं। पत्र में इस बात का खास तौर से जिक्र किया गया है यदि इन आदेशों में या आवास में तैनात गार्ड के द्वारा कोई कोताही बरती गई तो उनके खिलाफ भी दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
यह पत्र 14 जून को जारी किया गया था जो आज सोशल मीडिया पर पुलिस विभाग से लेकर अन्य लोगों के पास भी वायरल हुआ। इधर वायरल पत्रिका मामला जब डीआईजी गढ़वाल परिक्षेत्र नीरू गर्ग के पास पहुंचा तो उन्होंने ऐसे किसी भी पत्र पो उनके द्वारा आदेशित के जाने से इनकार किया। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी पौड़ी को आदेश दिए कि विभागीय तौर पर या अन्य तौर पर जिसने भी इस पत्र को बनाया है या जारी किया है उनकी जांच की जाए।
अब यह अंदर की बात है कि क्या वाकई या पत्र फर्जी है या विभाग अपनी जग हंसाई होने के बाद जांच के आदेश देकर खानापूर्ति कर रहा है। आखिरकार वे कौन लोग हैं जो विभाग के गोपनीय पत्रो को इस प्रकार सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। जाहिर है कि कोई आम व्यक्ति इस प्रकार का पत्र नहीं बना सकता तो यह जरूरी है कि निश्चित तौर पर ऐसे लोग बेनकाब होने चाहिए जो विभागीय बातों को चोरी-छिपे सामाजिक तौर पर उजागर कर रहे हैं, और विभाग की छवि को खराब कर रहे हैं। अब यह पत्र असली है या नकली इसका फैसला तो जांच के बाद ही होगा लेकिन अब पुलिस विभाग को विभागीय पत्रावली की गोपनीयता को लेकर बेहद सतर्कता बरतनी होगी।