5 महीने से वेतन को तरस गए रोडवेज कर्मचारी
NAINITAL: एक तरफ उत्तराखंड रोडवेज कोरोना महामारी से जूझते हुए लगभग 1 साल से घाटे में जा रही व्यवस्था को संभालने का प्रयास कर रही है और वही पड़ोसी राज्यों में रोडवेज सेवाओं को शुरू करने की तैयारी में है तो दूसरी ओर कर्मचारियों को वेतन ना मिलने से इन व्यवस्थाओं को धक्का पहुंच रहा है। उधर नैनीताल हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश को इस मसले पर तलब किया है। मामला रोडवेज कर्मचारियों के पांच महीने से अटके वेतन का है।
अदालत में इस मुद्दे पर लगी पिछली तारीख में परिवहन विभाग ने अदालत को बताया था की रोडवेज को सरकार की तरफ से एक भी पैसा नहीं मिला जिस कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा सका हालांकि इस पेशी के बाद आईएएस आशीष चौहान को हटा दिया गया था, लेकिन शुक्रवार को फिर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई। कर्मचारियों को वेतन देने का मामला इस प्रकार से गरमा गया है की हाईकोर्ट ने छुट्टी के दिन भी सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बिठा दी है जिसमें आज मुख्य सचिव को वर्चुअल पेश होना है।
बता दे इससे पूर्व कल शुक्रवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक वर्मा की बेंच में रोडवेज कर्मियों के वेतन के मसले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार का तरफ से कहा गया कि वह रोडवेज कर्मचारियों को 23 करोड़ रु का वेतन देना चाहती है लेकिन सीएम रिलीफ़ फंड से निगम को 20 करोड़ रु नहीं दिए जा सकते हैं। 14 जून को रोडवेज सचिव की बैठक में निगम को बदहाली से उबारने पर मंथन होगा।
इस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार विभाग को पैसे देने की इच्छा जताती है और दूसरी तरफ निगम से प्रस्ताव नहीं आने की बात कह रही है। आखिर देहरादून में बैठे परिवहन सचिव वहीं बैठे वित्त सचिव तक प्रस्ताव क्यों नहीं पहुँचा पा रहे हैं।