एसटीएफ ने ढूंढ निकालें डीजीपी की फेक आईडी बनाने वाले साइबर अपराधी
मृतक ससुर के नाम पर चला रहा था नंबर, दो जीजा भी अपराध में शामिल
DEHRADUN: उत्तराखंड में बढ़ते साइबर क्राइम से प्रदेश के पुलिस महानिदेशक भी नहीं बच पाए और साथियों ने उनकी भी फेक आईडी बनाकर पैसों की मांग कर डाली। हालांकि मामला डीजीपी से जुड़ा हुआ था तो पुलिस टीम ने भी तत्परता दिखाते हुए आरोपी को धर दबोचा।
यह मामला 16 जून को प्रकाश में आया था जब उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की फेक आईडी से अलग-अलग लोगों से पैसों की मांग की गई। पुलिस महानिदेशक की फेक आईडी बनाने का मामला सोशल मीडिया पर आने लगा तो डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल साइबर क्राइम टीम को मामले की जांच सोते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए । फेसबुक की जांच की गई तो पता चला कि यह आईडी राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र से बनाई गई थी और जिस व्यक्ति के नंबर से या फेसबुक आईडी बनाई गई थी उस व्यक्ति की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है। आरोपी इरशाद निवासी भरतपुर मृतक का दामाद है और अपने दोनों चीजों के साथ मिलकर लोगों की फेक आईडी बनाकर पैसों की मांग करते हैं। इन लोगों को जब पता लगा कि उनके द्वारा बनाई गई आईडी को लेकर उत्तराखंड पुलिस पीछे पड़ी हुई है तो यह लोग विभिन्न राज्यों में छुपते रह। आखिरकार उत्तराखंड एसटीएफ टीम इरशाद वह उसके दोनों जिजाऊ को गिरफ्तार कर लिया।
इस पूरे मामले में एक चौंकाने वाली बात या सामने आई है कि इन साइबर अपराधियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त होता है जो इन्हें गिरफ्तारी से बचाने के लिए भी प्रयास करते हैं। यही नहीं यदि कोई पकड़ा भी जाता है तो अदालत में ऐसे लोगों की पैरवी करने के लिए भी आ जाते हैं लेकिन उत्तराखंड पुलिस के आगे इस बार इन लोगों की नहीं चल पाई और पुलिस ने तीनों लोगों को 2200 किलोमीटर दूर जाकर भी धर दबोचा।