सर्वमान्य हल निकालने के प्रयास में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री
उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित, राज्य पुलिस की तैयारियां चाक-चौबंद
Dehradun: कांवड़ यात्रा हो और भोले भक्त उत्तराखंड में प्रवेश ना करें तो यात्रा पूरी नहीं हो सकती। कांवड़िए लंबा सफर तय कर हरिद्वार हर की पेडी में गंगा जल भरने आते हैं और अपने आसपास के शिवालयों में इस जल को भगवान भोलेनाथ पर चढ़ाते हैं। लेकिन इस बार कावड़ यात्रा को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इसका मुख्य कारण है उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 जुलाई से शुरू होने वाली कावड़ यात्रा को कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन करने के साथ अनुमति दे दी है, लेकिन इसके ठीक विपरीत उत्तराखंड सरकार ने कावड़ यात्रा को प्रतिबंधित कर रखा है।
ऐसे हालातों के बीच क्या वाकई कावड़ यात्रा अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएगी इस पर संशय बना हुआ है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार कल 7 राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बुलाई गई एक बैठक में स्पष्ट कर चुके हैं कि उत्तराखंड में कावड़ यात्रा प्रतिबंधित होने के कारण इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा और बॉर्डर पर समुचित पुलिस बल भी तैनात रहेगा। इन परिस्थितियों में क्या कावड़ यात्रा संपन्न हो पाएगी यह भी एक सवाल बना हुआ है।
यूपी सरकार द्वारा कावड़ यात्रा को खोलने के बावजूद उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने से कावड़िए हरिद्वार तक पहुंचने का प्रयास करेंगे और यही स्थिति आने वाले समय में तनाव भरी बन सकती है।
आने वाले समय में उत्तराखंड सरकार कावड़ यात्रा को लेकर क्या निर्णय लेती है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन महाकुंभ के दौरान कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर उत्तराखंड सरकार की पहले ही काफी फजीहत हो चुकी है, ऐसे हालात में उत्तराखंड सरकार अब पुनः इस धार्मिक आयोजन की अनुमति देगी इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
वही एक संभावना यह भी नजर आ रही है कि उत्तराखंड सरकार आरटी- पीसीआर की रिपोर्ट लेकर आने वाले कांवरियों को हरिद्वार में प्रवेश की अनुमति दे सकती है, लेकिन अभी इसे लेकर राज्य सरकार ने कोई शासनादेश जारी नहीं किया है।
इसके ठीक विपरीत उत्तराखंड पुलिस प्रतिबंध के नियमों का पालन करने के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है। डीजीपी उत्तराखंड स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रतिबंध के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।