फिलहाल मामला अदालत में, संचालन मंे मौसम की बाधा
आसान नहीं होगा अनुमति मिलने के बावजूद प्रबंधन
उत्तराखंड मंे चार धाम यात्रा को लेकर अभी गतिरोध बना हुआ है। यात्रा का संचालन कोर्ट एवं सरकार के बीच झूल रहा है, फैसला कब आएगा इस दिशा मे ंसब कुछ अभी अनिश्चित है। उधर यदि यात्रा शुरू भी होती है तो चार धाम यात्रा मार्ग की स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है। मानसून शुरू हो चुका है और मौसम विभाग बारिश को लेकर अपडेट कर रहा है। यात्रा शुरू होने की सूरत मे प्राकृतिक आपदाआंे से निपटने के लिए आपदा तंत्र खुद को मुस्तैद बताता है लेकिन अधिकांश मामलों में यह तंत्रा कारगर साबित नहीं होता। खासतौर पर जब यात्री रास्तांे में फंसते है।
गत साल भी कोरोना काल में यात्रा शुरू करने के दौरान ऐसे हालात बने थे जब खराब मौसम के कारण यात्रियों को भारी परेशानियां उठानी पड़ीं। सरकार की ओर से बड़े जोर-शोर के साथ चार धम यात्रा के प्रबंधें के दावे किए गए थे, लेकिन इस प्रकार की परिस्थितियों के आगे सब बेकार साबित हुए।यदि ऐसी ही व्यवस्थाओं के बीच सरकार चार धाम यात्रा को शुरू करने का दावा कर रही है तो फिर स्थिति बेहद विकट है। इन हालातांे मंे तो सुरक्षित यात्रा की भी कल्पना नहीं की जा सकती है। समस्या केवल यात्रियों से ही जुड़ी हुई नहीं है बल्कि भूस्खलन के कारण विभिन्न स्थलों की रसद आपूर्ति बाधित हो जाती है।
वर्तमान मार्गो को ही संचालित कर पाना सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है। कोरोना काल के बावजूद गत वर्ष चार धाम यात्रा मार्ग पर कुछ रौनक दिखाई दी थी लेकिन इससे स्थानीय लोगों या फिर खुद सरकार को कोई अधिक लाभ नहीं हुआ। फिलहाल तो यही तय नहीं है कि यात्रा कब शुरू होगी, और यदि शुरू होती भी है तो क्या सरकार के सार इंतजाम पुख्ता हैं। चार धाम प्रबंधन की दिशा मंे यदि गंभीरता से नहीं सोचा गया तो यात्रा प्रारंभ होने के बावजूद आगे खराब मौसम के कारण हालात इससे से भी अधिक दुखद एवं चुनौतीपूर्ण साबित होने तय हैं।