सावधान! गूगल पर निर्भरता बना सकती है भुलक्कड़

इंटरनेट का पैक खत्म होते ही लोग बेचैन
निर्भरता आपके दिमाग पर गहरा असर डालती है

गूगल ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है। कई बड़े मसलों का हल गूगल पर आसानी से मिल जाता है। कहीं पहुंचने का रास्ता हो या किसी पर्व त्योहार की जानकारी। खाने से लेकर गाने के लिरिक्स तक गूगल पर मौजूद हैं। हाल यह है कि अब लोग गूगल से ही पूछते हैं कि आज कौन सा दिन है, क्या तारीख है। कई ऐसे छोटी बातें, जो हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी हुई हैं। हर बात की खबर गूगल से मिल जाती है।

मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि गूगल पर ऐसी निर्भरता आपके दिमाग पर गहरा असर डालती है। इससे आपकी याद रखने की स्‍मरण शक्ति धीरे-धीरे कम होती जाती है। केंद्रीय मनचिकित्सा संस्थान (सीआइपी) के निदेशक डाॅ. बासुदेव दास बताते हैं कि पहले हम अपने तीज त्योहार या किसी का जन्मदिन वैसे ही याद रखते थे। मगर अब फेसबुक या गूगल कैलेंडर की मदद से याद रखना पड़ता था। पहले हम पूरा का पूरा फोन नंबर याद रखते थे। अब कई लोगों को अपना फोन नबंर भी याद नहीं रहता।
इसका कारण यह है कि हमने तकनीक पर अपनी निर्भरता को बढ़ा दिया है। किसी भी तकनीक का इस्तेमाल अच्छा है। मगर उसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हमें कमजोर बना देता है। डाॅ. बासुदेव दास बताते हैं कि गूगल और इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता इतनी बढ़ गई है कि अब यह मनोविकार का रूप ले रही है। इंटरनेट का पैक खत्म होते ही लोग बेचैन हो जाते हैं। कई लोग तो प्री रिचार्ज करके रखते हैं, ताकि उन्हें परेशानी न हो। इन आदतों का हमारी भावी पीढ़ी भी शिकार हो रही है। इस पर कई रिसर्च किए जा रहे हैं। हम गूगल के इस्‍तेमाल के साथ ही इंटरनेट के ज्‍यादा इस्तेमाल के दुष्प्रभाव के बारे में भी जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं।