यातायात सुधार की फिर परोसी गई पुरानी चासनी – Bhilangana Express

यातायात सुधार की फिर परोसी गई पुरानी चासनी

दून की यातायात व्यवस्था सुधार ना सके बड़े-बड़े दिग्गज
नए कप्तान भी उतरे मैदान में, शायद सुधरे कुछ हालात

Dehradun: राजधानी देहरादून की यातायात व्यवस्था हमेशा से ही एक मुसीबत बनी रही है। यातायात निदेशालय के गठन से लेकर जिला स्तर पर एसएसपी, एसपी, सीओ ही नहीं बल्कि यातायात पुलिस से लेकर थाना पुलिस भी देहरादून के बदहाल यातायात को सुधार नहीं सके।
सामान्यता जिले की कमान संभालने के साथ ही नए कप्तान हो या फिर नए एसपी यातायात व्यवस्था को लेकर नई दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम सड़कों पर नजर आता हो ऐसा कम ही देखने को मिला है। एक बार फिर दून में नए एसएसपी ने देहरादून की यातायत व्यवस्था को लेकर अपनी गंभीरता दिखाई है और यातायात प्रबंधन में सुधार की दिशा को लेकर टिप्स जारी किए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खण्डूरी द्वारा घण्टाघर पर आकस्मिक निरीक्षण कर यातायात व्यवस्था का जायजा लिया गया। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा उपस्थित अधिकारियों को यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
इस दौरान उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वर्तमान में जनपद -देहरादून के नगर क्षेत्र में विभिन्न स्थानो/ मुख्य मार्गो पर स्मार्ट सिटी के विभिन्न निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे अक्सर यातायात के सुचारू संचालन मे बाधा उत्पन्न हो रही है, इसके लिए स्मार्ट सिटी के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर इस बात को सुनिश्चित किया जाये कि मुख्य मार्गाे पर जिन निर्माण कार्याे के कारण दिन के समय यातायात बाधित हो रहा है. उन निर्माण कार्यो को रात्रि के समय कराया जाए, तथा जिन मार्गो पर दोपहर के समय निर्माण कार्य प्रगति पर हैं वहां भी इस प्रकार की व्यवस्था बनाई जाए की यातायात का सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके तथा आम जनमानस को अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस दौरान इस बात का भी विशेष ध्यान रहे कि स्मार्ट सिटी का कार्य किसी प्रकार से बधित न हो और समय से सारे विकास कार्य पूर्ण हो सके।
इसके अतिरिक्त नगर क्षेत्र में पीक आवर्स के दौरान सभी राजपत्रित अधिकारी/थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में निरन्तर भ्रमणशील रह कर यातायात का सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगे।
उम्मीद की जा रही है कि इस बार कप्तान के यह आदेश महज औपचारिकता बन कर न रह जाए क्योंकि इस प्रकार के दिशा निर्देश तो पहले भी दिए जा चुके हैं और अक्सर इन्हें लेकर क्राइम मीटिंग में भी व्यापक चर्चा होती है।