279 दिनों के सफर में 100 करोड़ का आंकड़ा पार
भुलाया नहीं जा सकता स्वास्थ्य कर्मियों का योगदान
कोरोनावायरस के खिलाफ हिंदुस्तान में आज से 279 दिन पहले एक ऐसे टीकाकरण का कार्य शुरू किया था जिसकी सफलता को लेकर ना जाने कितने सवाल खड़े किए गए? वैक्सीन को लेकर राजनीति की गई तो धार्मिक एवं नपुंसकता जैसे कारणों का हवाला देकर भी वैक्सीन को बदनाम करने की कोशिशें सामने आई कि तू धन्य है हिंदुस्तान की जनता जिसने देश के इस माह टीकाकरण का अभिषेक किया और आज परिणाम हमारे सामने है। यह कोई छोटी कामयाबी नहीं है कि
सिर्फ 279 दिन में 100 करोड़ वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बनाया है।
नामुमकिन माने जाने वाले काम को मुमकिन कर दिखाते हुए भारत ने वैक्सीनेशन के एक अरब डोज का आंकड़ा पार किया तो दुनिया हैरान रह गई। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़े आबादी वाला देश है जिसने केवल 279 दिनों में 100 करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया है।
इस बड़े अवसर पर सबसे पहला अधिकार सम्मान का स्वास्थ्य कर्मियों का है जिन्होंने इस महाअभियान को दिन रात की परवाह न करते हुए अंजाम तक पहुंचाया है। ऐसे सुदूर क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य टीमें पहुंची जहां आमतौर पर सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी परेशानियां उठानी पड़ती हैं।
देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान शुरु हुआ था, उसके बाद धीरे धीरे वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ी। 20 करोड़ के लक्ष्य को हासिल करने में 131 दिन का वक्त लगा। जबकि अगले 52 दिन में ये आंकड़ा बढ़कर 40 करोड़ पहुंच गया। 40 से 60 करोड़ के लक्ष्य को हासिल करने में 39 दिन लगे, तो 60 से 80 करोड़ का आंकड़ा सिर्फ 24 दिन में छू लिया गया। जबकि 80 से 100 करोड़ के लक्ष्य को 31 दिन में हासिल कर कामयाबी की नई इबारत लिख दी गई।
देश की 75% युवा आबादी को कम से कम एक डोज लग चुका है 31% आबादी को दोनों डोज लग चुके हैं। बेशक हमने 100 करोड़ डोज लगाने का टारगेट पूरा कर लिया है। लेकिन अब भी देश की महज 20% आबादी ही पूरी तरह वैक्सीनेट हुई है। 29% आबादी को वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है।