रायपुर विधानसभा क्षेत्र: बनते बिगड़ते समीकरण – Bhilangana Express

रायपुर विधानसभा क्षेत्र: बनते बिगड़ते समीकरण

कांग्रेस ने तीव्र गति से बनाई रायपुर विधानसभा क्षेत्र में अपनी पकड़
मोदी लहर इस बार नहीं, विकास पर वोट करेगी जनता

Dehradun: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अब मात्र 2 दिन बाकी रह गए हैं तो वहीं विधानसभा क्षेत्रों मैं अंतिम जोर लगाना बाकी रह गया है। देहरादून जनपद की रायपुर विधानसभा सीट इस समय बेहद दिलचस्प मोड़ पर है क्योंकि यहां भाजपा का सिंहासन इस बार कुछ हिलता हुआ नजर आने लगा है। अभी तक लग रहा था कि पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा इस सीट को उड़ा ले जाएगी लेकिन पिछले कुछ दिनों से जो लहर कांग्रेस ने इस विधानसभा सीट पर बनाई है उस पर भाजपाइयों के भी चेहरों पर शिकन देखी जा रही है।

रायपुर विधानसभा पर भाजपा के टिकट पर उमेश शर्मा काऊ है तो वहीं कांग्रेस से हीरा सिंह बिष्ट चुनावी मैदान में है। उमेश शर्मा को यूं तो मजबूत उम्मीदवार अब तक पाना जा रहा था लेकिन रायपुर विधानसभा सीट पर अब हवा कुछ बदलती हुई नजर आने लगी है। कार्यकर्ताओं ने रायपुर विधानसभा क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर प्रचार को अंतिम सिरे तक पहुंचाया है। कांग्रेस का प्रयास है कि इस बार हीरा सिंह बिष्ट के नाम पर हर हाल में इस सीट को निकाला जाए। हालांकि उमेश शर्मा काऊ कोई कमजोर उम्मीदवार नहीं है लेकिन इस बार उनका सामना कांग्रेस के ऐसे पुराने दिग्गज से हुआ है जो किसी भी प्रकार का पासा पलटने की क्षमता रखते हैं।

रायपुर विधानसभा सीट को अब तक भाजपा के लिए सरल समझा जा रहा था लेकिन अब इस पर कड़ा संघर्ष है। जो आने वाला समय ही बताएगा कि जनपद देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट पर किसका परचम लहराता है लेकिन वर्तमान परिस्थितियां साफ दर्शा रही है के भाजपा के लिए इस बार इस सीट को निकालना इतना आसान नहीं है जितना कि पिछली बार मोदी लहर के दौरान था।

भाजपा उम्मीदवार उमेश शर्मा काऊ के लिए इस बार जीत की राह इतनी आसान नहीं है जैसे कि पिछले चुनाव मे थी। कांग्रेस इस सीट पर तेजी से अपनी उपस्थिति बनाने में कामयाब हुई है जिसका एक मुख्य कारण कांग्रेस नेता सूरत सिंह नेगी का जनाधार, क्षेत्र के पुराने कर्मठ नेता प्रभुलाल बहुगुणा एवं आशा मनोरमा शर्मा की अपने क्षेत्र में दमदार पकड़ भी मानी जा रही है। इन परिस्थितियों में यदि हीरा सिंह बिष्ट कांग्रेस के टिकट पर रायपुर विधायक बनने में कामयाब होते हैं तो इसके पीछे इन दोनों नेताओं का अहम हाथ माना जाएगा.