वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण आज – Bhilangana Express

वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण आज

वर्ष 2021 का यह पहला सूर्य ग्रहण होगा

कुछ खास उपाय बदल सकते हैं जिंदगी की दिशा

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण ना होकर वलयाकार सूर्यग्रहण होगा जिसे रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) के नाम से भी जाना जाता है।
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और इस कारण भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
वलयाकार सूर्य ग्रहण कब और कहां

यह ग्रहण भारतवर्ष में दिखाई नहीं देगा। यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा, जो भारतीय समय के अनुसार विक्रम संवत 2078 ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को गुरुवार के दिन दोपहर 1:42 से सायंकाल 6:41 तक प्रभावी रहेगा। यह ग्रहण वृषभ राशि में आकार लेगा।

*सूर्य ग्रहण के साथ विशेष संयोग*

10 जून 2021 का सूर्य ग्रहण एक विशेष संयोग में आ रहा है। इस दिन शनि जयंती अर्थात शनि अमावस्या भी है जो सूर्य देव के पुत्र शनि देव के जन्म का दिन है। इसी के साथ इस दिन वट सावित्री व्रत भी मनाया जाता है जो कि सभी सुहागन स्त्रियों का एक प्रमुख त्योहार है। इस त्यौहार को वह अपने पति की दीर्घायु की कामना से रखती हैं। ग्रहण काल में पूजा पाठ करना निषेध माना जाता है *लेकिन भारत वर्ष में यह ग्रहण दृश्यमान ना होने के कारण यहां पर किसी प्रकार का सूतक मान्य नहीं होगा। इस कारण यहां पर पूजा अर्चना विधिवत रूप से की जा सकती है।* इस दिन शनि देव की पूजा विशेष रूप से फल दायक रहेगी और शनि देव के साथ ही सूर्य देव का वंदन करना भी विशेष फलदायी रहेगा।

*सूर्य ग्रहण के समय ज्योतिषीय स्थिति*

10 जून 2021 का सूर्य ग्रहण जिस समय अपना आकार लेगा, उस समय आकाश मंडल में सूर्य देव तो राहु केतु के प्रभाव में होंगे ही लेकिन उनके साथ चंद्रमा और बुध भी उपस्थित होंगे।
इसके अतिरिक्त किसी भी शुभ ग्रह की दृष्टि उन पर नहीं होगी।
शनि और मंगल समसप्तक योग में होंगे, बृहस्पति कुंभ राशि में और शुक्र देव मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे।
ग्रहण काल में सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम चरण में स्थित होंगे और उनके साथ चंद्रमा और बुध भी इसी नक्षत्र में स्थित होंगे। यह मंगल के आधिपत्य वाला नक्षत्र है। ग्रहों और नक्षत्रों का यह योग देश और दुनिया पर विभिन्न प्रकार के असर दिखाएगा।
*सूर्य ग्रहण का विश्व पटल पर प्रभाव*

वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को बहुत अधिक मान्यता दी जाती है लेकिन यह भी कहा जाता है कि जहां यह ग्रहण मान्य नहीं होता अर्थात दिखाई नहीं देता, वहां इसका प्रभाव भी नहीं माना जाता है। इस कारण भारत में यह ग्रहण दिखाई ना देने के कारण भारत के ऊपर इसका कोई प्रत्यक्ष प्रभाव पढ़ना संभव नहीं है लेकिन विश्व में दृष्टिगोचर होने के कारण विश्व के अन्य देशों पर इसका प्रभाव साफ तौर पर देखा जा सकेगा जिसमें भारत का पड़ोसी देश चीन भी शामिल है और विश्व की महाशक्ति अमेरिका भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं रहेगा। जब इन सभी देशों पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा तो उसका अप्रत्यक्ष प्रभाव भारत पर भी आएगा।

*सूर्य ग्रहण के दौरान किए जाने वाले राशिगत उपाय*

प्रत्येक व्यक्ति के लिए सूर्य एक प्रमुख ग्रह है क्योंकि यही हमारे प्राण अर्थात हमारी आत्मा हैं, इसलिए सूर्य ग्रहण के समय विभिन्न राशि के लोगों को कुछ खास उपाय और मंत्र जाप करना चाहिए आइए जानते हैं, आपकी राशि के लिए क्या करना अनुकूल फल प्रदान करने वाला होगा:

ये उपाय चंद्र राशि पर आधारित हैं।

*मेष राशि*

आपको ग्रहण काल में सूर्य देव के मंत्र ॐ अचिंताय नम:। का यथाशक्ति जाप करना चाहिए और ग्रहण काल के उपरांत नारंगी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।

*वृषभ राशि*

वृषभ राशि में ग्रहण होने के कारण आप को विशेष रूप से सूर्य देव के ॐ अरुणाय नम:। मंत्र का जाप करना चाहिए और सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए।

*मिथुन राशि*

मिथुन राशि के जातक ॐ आदि-भूताय नम:। मंत्र से सूर्य देव को प्रसन्न करने का प्रयास करें और ग्रहण काल में गेहूं का दान करें।

*कर्क राशी*

कर्क राशि के लोगों को सूर्य देव की अनुकंपा प्राप्त करने के लिए ॐ वसुप्रदाय नम:। मंत्र का जाप करना चाहिए और इसके साथ ही भगवान शिव के मंत्र का जाप भी करना चाहिए।

*सिंह राशि*

सूर्य देव आपकी राशि के स्वामी हैं इसलिए आपको ॐ भानवे नम:। का जाप करते हुए सूरज देव को मनाने की कोशिश करनी चाहिए और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।

*कन्या राशि*

जो लोग कन्या राशि में जन्मे हैं उन्हें सूर्य देव को ॐ भानवे नम:। मंत्र के जाप से प्रसन्न करना चाहिए और पीले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए।

*तुला राशि*

तुला राशि के लोगों को सूर्य देव के विशेष मंत्र ॐ इंद्राय नम:। का यथाशक्ति जाप करना चाहिए और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।

*वृश्चिक राशि*

वृश्चिक राशि के जातकों को ॐ आदित्याय नम:। मंत्र के जाप से सूर्य देव को प्रसन्न करना चाहिए और अपने गले में तांबे का सूर्य धारण करना चाहिए।

*धनु राशि*

सूर्य देव की कृपा पाने के लिए धनु राशि के लोगों को ॐ शर्वाय नम:। मंत्र का जाप करना चाहिए और सूर्य स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

*मकर राशि*

जो लोग मकर राशि में जन्मे हैं, उन्हें सूर्य देव के मंत्र ॐ सहस्त्र किरणाय नम:। का जाप करना चाहिए और ग्रहण के उपरांत शनि देव के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

*कुंभ राशि*

कुंभ राशि वाले जातकों को ॐ ब्रह्मणे दिवाकर नम:। मंत्र का जाप करके सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए और ग्रहण काल के उपरांत शनि मंदिर जाकर शनिदेव की विधिवत अर्चना करनी चाहिए।

*मीन राशि*

मीन राशि में जन्म लेने वाले लोगों को सूर्य देव के मंत्र ॐ जयिने नम:। का जाप करना चाहिए और परिवार के बुजुर्गों का सम्मान करते हुए पीले रंग का एक धागा अपनी कलाई पर बांधना चाहिए।

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