सूची जारी होते ही “बागी’ बन गए पार्टी के “अनुशासित सिपाही”

टिकट न मिलने से नाराज उम्मीदवार मैदान में कूदने को तैयार

Dehradun: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर पारा पूरे उफान पर है। भाजपा एवं कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के उम्मीदवारों की घोषणा होने लगी है। भाजपा ने 59 उम्मीदवारों की सूची जारी की है तो कांग्रेस की ओर से अब तक 53 नाम घोषित किए जा चुके हैं जिनमें अभी बड़े नाम घोषित होने शामिल हैं जबकि कुछ सीटों पर अभी गहन मंथन चल रहा है।
सूची घोषित होने के साथ ही खुद को पार्टी के अनुशासित सिपाही बनने वाले अब एकाएक बागी हो गए हैं। भाजपा की थराली विधानसभा सीट से विधायक मुन्नी देवी को टिकट ना मिला तो वे सीधे बागी हो गई और पार्टी पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगा दिया। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी ने काशीपुर से हरभजन सीमा के बेटे को टिकट दिया था वहां भी पार्टी में बगावती सुर पैदा हो गए। ऐसी ही कुछ स्थितियां विकास नगर विधानसभा सीट में भी देखने को मिल रही हैं जहां टिकट को लेकर नाराजगी दिखाई जा रही है।
कांग्रेस में भी टिकट की आस लगाए उम्मीदवारों के नाम सूची में नहीं मिले तो सब्र की सीमा भी टूटने लगी है। फिलहाल तो दूसरी सूची की प्रतीक्षा है लेकिन पहली सूची में कुछ नामों को लेकर बगावत दिखाई देने लगी है। अक्सर सूची घोषित होने से पूर्व निष्ठावान कार्यकर्ताओं के खुद को अनुशासित सिपाही बताने वाले सूची घोषित होते ही बागी हो जाते हैं। जाहिर है मौका सबको चाहिए और तब निश्चित तौर पर निराशा होती है जो वर्षों तक पार्टी की सेवा करने के बाद बाहरी लोगों को चुनाव लड़ने का मौका दे दिया जाता है।
इन चुनावों में भी पार्टियों के आगे बगावती कार्यकर्ताओं को मनाने की चुनौती पेश आने वाली है और सबसे बड़ी दिक्कत तो तब होगी जब नाराज कार्यकर्ता निर्दलीय मैदान में उतरेंगे।