क्या कप्तान कसेंगे अब रात्रि ट्रैफिक “रामभरोसे” व्यवस्था पर नकेल

Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देर रात लगभग 1:30 बजे हुए हादसे ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया। देर रात तक छात्रों का सड़कों पर घूमना हैरान कर देने वाला है लेकिन एक बड़ा सवाल रात के समय खाली सड़कों पर चलने वाले ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी खड़ा हो रहा है।

शाम ढालने के साथ ही देहरादून की सड़क बेलगाम होने लगती है और यहां तेज रफ्तार और नशे का साम्राज्य स्थापित होने लगता है। अक्सर रात के समय वाहनों का डिवाइडर पर चढ़ना, पेड़ों से टकराना और किसी दूसरे वाहनों को टक्कर मार देना जैसे समाचार प्रकाश में आते रहते हैं। देहरादून के कैंट क्षेत्र में मंगलवार को हुई घटना में 6 युवाओं की मौत हुई जिनमें तीन लड़कियां और तीन लड़के शामिल हैं। यह सभी लोग एक इनोवा कार में थे जो एक कंटेनर से टकरा गई। निश्चित तौर पर दुर्घटना बहुत दर्दनाक और दुखद है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती और ना ही इस नुकसान की भरपाई ही की जा सकती है।

राजधानी की सड़कों में बेलगाम दौड़ते वाहनों पर लगाम कसने की अब जरूरत है खास तौर से रात के समय जब अधिकांशत सड़कों पर पुलिस नजर ही नहीं आती। कुछ एक चेकिंग पॉइंट को छोड़ दे तो बाकी जगह पर वाहनों पर नियंत्रण रखने का कोई पैमाना नहीं है और ना ही यातायात पुलिस या थाना पुलिस की उपस्थिति।
इस घटना से जहां सभी दुखी है तो वहीं देहरादून के कप्तान अजय सिंह ने भी अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया और खुद अस्पताल पहुंचकर परिजनों से मिले। एसएसपी देहरादून द्वारा सिनर्जी हास्पिटल में जाकर वहां उपचाराधीन दुर्घटना में घायल युवक के स्वास्थ्य के सम्बंध में परिजनों तथा चिकित्सकों से वार्ता की गई। ततपश्चात एसएसपी देहरादून द्वारा कोरोनेशन अस्पताल में जाकर दुर्घटना में मृतक युवाओं के परिजनो से मुलाकात कर उन्हे सांतवना दी गई।

लेकिन इस घटना के बाद क्या कप्तान देहरादून के रात्रि ट्रैफिक सिस्टम में कोई बदलाव करेंगे, इस पर सबकी नजर रहेगी, खासतौर से रात के समय छात्र-छात्राओं की आवाजाही पर नजर रखना अब बेहद जरूरी है। यह भी सुनिश्चित करना होगा की देर रात तक सड़कों पर मौज मस्ती करने वाले यह छात्र छात्राएं अभिभावकों की जानकारी से बाहर निकले हैं या फिर अभिभावकों को अपने बच्चों की हरकतों की जानकारी ही नहीं है।

जनपद की कानून व्यवस्था को लेकर सतर्क दृष्टि एवं कड़ा रवैया अपनाने वाले एसएसपी अजय सिंह को इस ओर भी अब विशेष तौर पर ध्यान देते हुए यातायात पुलिस एवं थाना पुलिस के बीच समन्वय बनाते हुए इस राम भरोसे चल रहे ढर्रे में बदलाव को लेकर कड़ा कदम उठाना होगा।
देखने वाली बात यह होगी कि इस घटना के बाद क्या अब देहरादून की सड़कों में देर रात वाहनों पर नियंत्रण को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नजर आएगी या अभी भी सब कुछ पहले जैसा ही चलता रहेगा??